लाल सागर में अमेरिकी टैंकर पर ईरानी कब्जे के बाद हालात युद्ध जैसे बन गए हैं. ईरान के इस कदम के जवाब में 3000 से अधिक अमेरिकी नौसैनिक दो युद्धपोतों पर सवार होकर लाल सागर पहुंच गए हैं. अमेरिकी नौसेना के पांचवें बेड़े ने कहा है कि अमेरिकी नाविकों और नौसैनिकों ने पूर्व घोषित तैनाती के तहत स्वेज नहर से गुजरने के बाद रविवार को लाल सागर में प्रवेश किया है. इधर ईरान ने भी धमकी देते हुए कहा है कि वह अमेरिका के किसी भी आक्रामक कार्रवाई का पूरी ताकत के साथ जवाब देगा. ईरान ने भी लाल सागर से सटे इलाकों में अपनी नौसेना को हाई अलर्ट पर कर दिया है.
अमेरिकी नौसेना के पांचवें बेड़े ने अपने बयान में कहा है कि अमेरिकी नौसैनिक यूएसएस बाटन और यूएसएस कार्टर हॉल युद्धपोतों पर सवार होकर लाल सागर पहुंचे हैं. इन दो युद्धपोतों और 3000 से अधिक नौसैनिकों के आने से लाल सागर में अमेरिकी सैन्य शक्ति काफी ज्यादा बढ़ गई है. अमेरिकी सेना का कहना है कि ईरान ने पिछले दो वर्षों में इस क्षेत्र में लगभग 20 अंतरराष्ट्रीय ध्वज वाले जहाजों को या तो जब्त कर लिया है या उन्हें अपने नियंत्रण में लेने का प्रयास किया है.
यूएसएस बाटन एक एम्फीबियस अटैक शिप है, जो फिक्स्ड विंग और रोटरी विमान के साथ-साथ लैंडिंग क्राफ्ट भी ले जा सकता है. यूएसएस कार्टर हॉल एक डॉक लैंडिंग शिप है, जिसमें टैंक, एम्फीबियस व्हीकल और दूसरे वाहनों को ट्रांसपोर्ट किया जा सकता है. यह जहाज समुद्र तट पर सैनिकों और वाहनों को आसानी से उतार सकता है.
अमेरिकी नौसेना के पांचवें बेड़े के प्रवक्ता कमांडर टिम हॉकिन्स ने बताया कि जब हम काम करते हैं तो ये यूनिट्स महत्वपूर्ण ऑपरेशनल क्षमता को बढ़ाती हैं. इससे हम इलाके में अस्थिर गतिविधियों को रोकने और ईरान के उत्पीड़न से व्यापारिक जहाजों को बचाने का काम करेंगे. इससे क्षेत्रीय तनाव को कम करने में मदद मिलेगी. यह तैनाती अमेरिका के यह कहने के बाद हुई है कि उसकी फोर्सेज ने 5 जुलाई को ओमान के पास अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में वाणिज्यिक टैंकरों को जब्त करने के ईरान के दो प्रयासों को रोक दिया था.
ईरानी सरकारी न्यूज एजेंसी IRNA के अनुसार, ईरानी मैरिटाइम सर्विसेज ने कहा कि दो टैंकरों में से एक बहामियन ध्वज वाला रिचमंड वोयाजर था. यह एक ईरानी जहाज से टकरा गया था, जिससे चालक दल के पांच सदस्य गंभीर रूप से घायल हो गए थे. अप्रैल और मई की शुरुआत में ईरान ने क्षेत्रीय जल में एक हफ्ते के भीतर दो तेल टैंकरों को जब्त किया है. ये घटनाएं नवंबर में ओमान तट पर गैस लेकर जा रहे एक इजरायली टैंकर पर ड्रोन हमले के बाद हुई हैं. अमेरिका और इजरायल ने इस हमले के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया था.
अमेरिका ने पिछले महीने घोषणा की थी कि वह ईरान को खाड़ी में जहाजों को जब्त करने से रोकने के लिए मध्य पूर्व में एम्फीबियस रेडीनेस ग्रुप/समुद्री अभियान इकाई के साथ एक विध्वंसक, एफ-35 और एफ-16 युद्धक विमान तैनात करेगा. पिछले हफ्ते, एक अमेरिकी अधिकारी ने एएफपी को बताया कि वाशिंगटन रक्षा की एक अतिरिक्त परत के रूप में खाड़ी से गुजरने वाले वाणिज्यिक टैंकरों पर मरीन और नौसेना कर्मियों को तैनात करने की भी तैयारी कर रहा है.