अंतरिक्ष में अपना वर्चस्व कायम रखने की होड़ अमेरिका और रूस के बीच बहुत पुरानी है. चाहे वो चंद्रमा पर इंसान को भेजने की हो या चंद्रमा के नए हिस्सों पर उतरकर अपना नाम करने की बात हो. लेकिन एक खास मिशन के लिए अमेरिका और रूस दोनों एकसाथ आ गए हैं. जानकारी के अनुसार इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के लिए एक अमेरिकी, दो रूसी अंतरिक्ष यात्रियों ने उड़ान भरी है.
अंतरिक्ष चालक दल के सदस्य एक अमेरिकी और दो रूसी शुक्रवार को कजाकिस्तान के बैकोनूर कोस्मोड्रोम से एक रूसी अंतरिक्ष यान में सवार होकर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के मिशन पर रवाना हुए. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा की अंतरिक्ष यात्री लोरल ओ’हारा तथा रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस के अंतरिक्ष यात्री ओलेग कोनोनेंको और निकोलाई चूब ने रात 8:44 बजे रोस्कोस्मोस सोयुज एमएस-24 अंतरिक्ष यान से उड़ान भरी.
अंतरिक्ष चालक दल के सदस्य एक अमेरिकी और दो रूसी शुक्रवार को कजाकिस्तान के बैकोनूर कोस्मोड्रोम से एक रूसी अंतरिक्ष यान में सवार होकर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के मिशन पर रवाना हुए. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा की अंतरिक्ष यात्री लोरल ओ’हारा तथा रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस के अंतरिक्ष यात्री ओलेग कोनोनेंको और निकोलाई चूब ने रात 8:44 बजे रोस्कोस्मोस सोयुज एमएस-24 अंतरिक्ष यान से उड़ान भरी.
ओ’हारा अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर छह महीने बिताएंगी जबकि कोनोनेंको और चूब वहां एक साल बिताएंगे. न तो ओ’हारा और न ही चूब ने पहले कभी अंतरिक्ष में उड़ान भरी है, लेकिन वे अनुभवी अंतरिक्ष यात्री कोनोनेंको के साथ उड़ान भर रहे हैं, जो पहले ही चार बार यात्रा कर चुके हैं. लगभग तीन घंटे की उड़ान के बाद तीनों के अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचने की उम्मीद है.