मां के साथ चाय ठेले पर ग्राहकों को चाय पिलाते समय मनीषा अक्सर ये सोचती थी कि क्या वह दसवीं कक्षा भी कभी पास कर पायेगी ? गणित व विज्ञान में वो शुरू से काफी कमजोर थी.
मां के साथ चाय ठेले पर ग्राहकों को चाय पिलाते समय मनीषा अक्सर ये सोचती थी कि क्या वह दसवीं कक्षा भी कभी पास कर पायेगी ? गणित व विज्ञान में वो शुरू से काफी कमजोर थी.
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