व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य की स्थिति (ओएसएच एवं डब्ल्यूसी) कोड 2020 को 13 अलग-अलग श्रम कानूनों को समाहित कर और प्रतिष्ठानों में व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य स्थितियों को नियमित करने वाले कानूनों को सरल बनाने के बाद लागू किया गया है.
केंद्र सरकार ने एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया है. जो सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के कारखानों, बंदरगाहों के डॉक, अन्य निर्माण स्थल पर सुरक्षा, स्वास्थ्य और काम करने की स्थिति के मौजूदा नियमों और विनियमों की समीक्षा करेगी.
इसके तहत फैक्ट्रीज और डॉक वर्क्स (कारखाना और गोदी श्रमिक) के लिए विशेषज्ञ समिति का गठन मुंबई स्थित डीजीएफएएसआईएल के महानिदेशक डॉ आर.के. एलगोवेन की अध्यक्षता में किया गया है. इसके अलावा दो विशेषज्ञ समितियों का भी गठन किया गया है. इसके तहत इमारत और अन्य निर्माण कार्य समिति का गठन चेन्नई स्थित एल एंड टी हाइड्रोकर्बन के वाइस प्रेसिडेंट और घरेलू संचालन प्रमुख श्री पी.के. मूर्ति की अध्यक्षता में और अग्नि सुरक्षा समिति का गठन भारत सरकार के गृह मंत्रालय के अग्नि सलाहकार श्री डी.के.शमी की अध्यक्षता में किया गया है.
मौजूदा नियम और नियमन का विवरण और उनकी समीक्षा का करण नीचे दिया गया है-
1. फैक्ट्रीज एक्ट 1948 के फैक्ट्री नियम(कारखाना कानून 1948 के कारखाना नियम) -:फैक्ट्रीज, डॉक और निर्माण कार्यों से संबंधित नियमों और विनियमों के रूप में मौजूदा मानकों की समीक्षा क्रमशः 1950, 1990 और 1998 में की अधिसूचना के बाद से नहीं की गई है. इसलिए तकनीकी कारणों से मौजूदा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए उनकी समीक्षा की आवश्यकता है। तकनीकी में प्रगति और प्रणालीगत सुधार को देखते हुए भी इसकी जरूरत है.
2. डॉक कामगार(सुरक्षा, स्वास्थ्य कल्याण) नियमन, 1990 -: ओएसएच एवं डब्ल्यूसी के क्षेत्र में हुई प्रगति और आधुनिकीकरण को शामिल करना.
3. इमारत और अन्य निर्माण (रोजगार का नियमन और अन्य सेवाओं की स्थिति) केंद्रीय कानून, 1998 -: ओएसएच एवं डब्ल्यूसी में वैश्विक मानकों को हासिल करना
श्रम एवं रोजगार मंत्री श्री संतोष गंगवार ने कहा “कार्यस्थलों पर आग की दुर्घटनाओं के मामलों में हुई बढ़ोतरी को देखते हुए हमारे श्रमिकों और उनके परिवारों में पीड़ा और चिंता बढ़ी है , साथ ही राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हुआ है. अग्नि सुरक्षा मानकों पर एक अलग समिति बनाई गई है. ताकि उपर्युक्त नियमों और विनियमों के तहत प्रदान किए गए अग्नि सुरक्षा प्रावधानों के लिए एक व्यापक और समग्र दृष्टिकोण के साथ नियम बनाए जा सकें. साथ ही जिनका राष्ट्रीय भवन कोड, 2016 के साथ तालमेल भी हो.
श्री गंगवार ने आगे जोर देकर कहा कि यह प्रक्रिया पूरे देश में श्रमिकों की सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए एक समान और आधुनिक मानकों को तैयार करने का मार्ग प्रशस्त करेगी. जिसमें नियामकीय पालन के लिए हितधारकों की सक्रिय भागीदारी रहेगी. और इसके परिणामस्वरूप श्रमिकों की दक्षता बढ़ाने के लिए अनुकूल वातावरण तैयार हो सकेगा. जो सभी इकाइयों और हितधारकों के लिए फायदे का सौदा होगा और उससे उत्पादकता में कई गुना बढ़ोतरी हो सकेगी.