जीवन में किसी भी तरह की कमी आपको आगे बढ़ने से नहीं रोक सकती, रोकती है तो सिर्फ आपकी सोच. हमें कमजोरियों का डटकर सामना कर अपने लक्ष्यों तक पहुंचना है. यह मानना है जबलपुर की पैरा शूटर रुबीना फ्रांसिस का, जो रिकेट्स नामक बीमारी से जूझ रही हैं. वह पैरों से 40 प्रतिशत दिव्यांग हैं. रुबीना ने अपनी शारीरिक अक्षमता को कमजोरी नहीं बनने दिया और अपनी काबिलियत से भारत का नाम ऊंचा किया है.
दरअसल, मध्य प्रदेश के जबलपुर की पैरा पिस्टल शूटर रुबीना फ्रांसिस ने वर्ल्ड शूटिंग पैरा स्पोर्ट्स वर्ल्ड कप- 2023 में 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में रजत पदक हासिल कर देश को गौरवान्वित किया है. शूटिंग पैरा स्पोर्ट्स वर्ल्ड कप ओसिजेक (क्रोएशिया) में आयोजित किया गया, जहां हंगरी की क्रिस्टीना डेविड ने 234.7 पॉइंट्स के साथ स्वर्ण और तुर्की की अयसगुल पहलीवनलर ने 209.5 अंकों के साथ कांस्य पदक जीता. वहीं, रुबीना ने 232.3 पॉइंट्स हासिल कर दूसरा स्थान प्राप्त किया.
मैकेनिक की बेटी रुबीना के नाम पेरू के लीमा में पैरा विश्व कप शूटिंग में 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में विश्व रिकॉर्ड है. इसके पहले भी वह विश्व रिकॉर्ड बना चुकी हैं. 2017 में उन्होंने बैंकॉक में वर्ल्ड शूटिंग पैरा स्पोर्ट्स चैम्पियनशिप में 10 मीटर एयर पिस्टल महिला टीम इवेंट में स्वर्ण पदक जीतकर जूनियर विश्व रिकॉर्ड बनाया था. उन्होंने क्रोएशिया में 2019 विश्व पैरा चैम्पियनशिप में कांस्य पदक भी जीता था.
रुबीना को रिकेट्स है और वह पैरों से 40 प्रतिशत दिव्यांग हैं. रिकेट्स एक ऐसी स्थिति है जो बच्चों में हड्डियों के विकास को प्रभावित करती है. यह बीमारी हड्डियों में दर्द और उसकी कमजोरी का कारण बनती है. इससे हड्डियों में विकृति आ सकती है. 24 साल की रुबीना मध्य प्रदेश शूटिंग अकादमी में पिस्टल शूटिंग की ट्रेनिंग ले रही हैं.
‘आजतक’ से खास बातचीत में रुबीना फ्रांसिस बताती हैं कि उनका अगला लक्ष्य ओलंपिक कोटा इवेंट क्वालिफाई करना है और 241 पॉइंट्स का वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़ना है. फिलहाल यह रिकॉर्ड तुर्की की खिलाड़ी का है. रुबीना इसके लिए खास तैयारी कर रही हैं. नेशनल पैरा शूटिंग कोच सुभाष चंद्रा से वो स्पेशल ट्रेनिंग भी ले रही हैं.
वर्तमान में महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल एसएच1 (विश्व शूटिंग पैरा स्पोर्ट रैंकिंग) में इंटरनेशनल शूटिंग स्पोर्ट फेडरेशन द्वारा रुबीना फ्रांसिस तीसरे नंबर पर हैं. 2018 में एशियाई पैरा गेम्स पी2- महिलाओं की 10एम एयर पिस्टल (एसएच1 इवेंट्स) में भी रुबीना ने अच्छा प्रदर्शन दिखाया था. रुबीना फ्रांसिस अब वर्ल्ड चैम्पियनशिप और ऐशियन गेम्स जो कि इसी साल लीमा और चीन में होने वाले हैं उसकी तैयारी कर रही हैं.
रुबीना कहती हैं, ‘मेरा पूरा फोकस वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़ने पर है. वर्ल्ड शूटिंग पैरा स्पोर्ट्स वर्ल्ड कप में रजत पदक जीतने के बाद अब मैं बाकी के इंटरनेशनल कॉम्पिटिशन के लिए भी तैयारी कर रही हूं. मैं अपने कोच सुभाष चंद्रा को अपना रोल मॉडल मानती हूं, जिस तरीके से वे ट्रेनिंग देते हैं और एक-एक चीज को बारीकियों से सिखाते हैं वही मुझे एक अच्छा शूटर बनाता है.’
अपनी दिव्यांगता के बारे में बात करते हुए रुबीना बताती हैं कि यह कमी कभी मेरे लक्ष्य के बीच नहीं आई. मेरे परिवार ने हमेशा मेरा साथ दिया और हौसला बढ़ाए रखा. मुझे शूटिंग में रुचि तब जागी, जब मैंने 2015 में स्कूल के टैलेंट सर्च प्रोग्राम में भाग लिया था और तभी मुझे लगा कि मैं इस स्पोर्ट में बेहतर कर सकती हूं. अभी मैं शूटिंग का पूरा प्रशिक्षण मध्य प्रदेश शूटिंग ऐकेडमी से प्राप्त कर रही हूं. मैं उन सभी लोग जो किसी न किसी कमी के चलते हार मान लेते हैं या अपने सपनों को दबा देते हैं उन्हें यही कहना चाहूंगी कि हर किसी में कुछ न कुछ कमी होती है उसे हमें कमजोरी नहीं बनने देना है. जब तक आप आगे नहीं बढ़ेंगे, हिम्मत नहीं जुटाएंगे तब तक आप कुछ हासिल नहीं कर सकते. इसलिए आगे आइए, अपने सपनों को एक मौका दीजिए.
आगे रुबीना बताती हैं, ‘मेरी अब तक की सबसे खास उपलब्धि टोक्यो पैरालंपिक 2020 में वुमन कैटेगरी 10 मीटर एयर पिस्टल SH1- P2 में देश के लिए गोल्ड मेडल लाना था. शूटिंग के अलावा अगर बात की जाए तो मुझे ट्रैवल करना बहुत पसंद है और मैं इंडिया टूर करना चाहती हूं.’