भारतीय जिम्नास्टिक में देश का नाम सबसे पहले स्वर्णिम अक्षरों में लिखने वाली गोल्डन गर्ल दीपा करमाकर पर 21 महीने का बैन लग गया है. ITA (इंटरनेशनल टेस्टिंग एजेंसी) ने भारतीय जिम्नास्ट दीपा करमाकर पर यह बैन प्रतिबंधित पदार्थों के सेवन में दोषी पाये जाने के बाद लगाई है. ITA की ओर से की गई टेस्टिंग में दीपा करमाकर को हाइजेनामाइन का सेवन करने का दोषी पाया गया है और टेस्ट में पॉजिटिव पाए जाने के बाद दीपा करमाकर पर 21 महीने का बैन लगा दिया गया है.
अंतर्राष्ट्रीय टेस्टिंग एजेंसी ने इस मामले की जानकारी देते हुए बयान जारी किया और कहा,’ दीपा करमाकर को 21 महीने के लिये बैन कर दिया गया है जो कि 10 जुलाई 2023 तक प्रभावी रहेंगी. इस मामले को एफआईजी एंटी-डोपिंग नियमों के अनुच्छेद 10.8.2 के अनुसार मामला समाधान समझौते के जरिए सुलझाया गया है.’
यूनाइटेड स्टेट्स एंटी-डोपिंग एजेंसी (USADA) के अनुसार जिस पदार्थ के सेवन के लिये दीपा करमाकर पर बैन लगाया गया है वो एक मिश्रित एड्रीनर्जिक रिसेप्टर की प्रक्रिया है. इसका मतलब होता है कि यह एक कैटालिस्ट के रूप में काम कर सकता है जो कि एक एंटी एस्थमा के रूप में काम कर सकता है. इससे सांस नहीं फूलती है और कार्डियोटोनिक के चलते कार्डियक आउटपुट बढ़ जाता है और हार्ट रेट मजबूत हो जाती है. WADA ने हाइजेनामाइन (Higenamine) को साल 2017 में बैन पदार्थों की लिस्ट में जोड़ा था.
दीपा करमाकर की बात करें तो भारत की टॉप जिम्नास्ट हैं जिन्होंने पहली बार अपना नाम तब कमाया जब वो 2016 के रियो ओलंपिक में भारत के लिये जिम्नास्टिक का पहला पदक हासिल करने से बस एक कदम से दूर रह गई थी. दीपा रियो ओलंपिक में चौथे पायदान पर रहीं थी. हालांकि इसके बाद साल 2018 में उन्होंने तुर्की के मर्सिन में एफआईजी आर्टिस्टिक जिम्नास्टिक्स वर्ल्ड चैलेंज कप की वाल्ट कॉम्पटिशन में देश के लिए गोल्ड मेडल जीत कर इतिहास रचा और ऐसा करने वाली पहली भारतीय जिम्नास्ट बनी. इसी के चलते उन्हें भारत की गोल्डन गर्ल भी कहा जाता है.