भारतीय मुक्केबाजों ने उज्बेकिस्तान की राजधानी ताशकन्द (Tashkent) में जारी पुरुष वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में इतिहास रच दिया है। एक ही दिन में तीन मेडल पक्के करते हुए भारत के बॉकसर्स ने इस प्रतियोगिता के इतिहास में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। इससे पहले साल 2019 में अमित पंघाल ने सिल्वर मेडल और मनीष कौशिक ने ब्रॉन्ज मेडल जीते थे और वो भारतीय दल का बेस्ट प्रदर्शन था। लेकिन इस बार एक ही दिन में भारत की झोली में तीन मेडल आ गए। भारतीय मुक्केबाज दीपक भोरिया, मोहम्मद हुसामुद्दीन और निशांत देव ने यह उपलब्धि हासिल करते हुए तिरंगे का मान बढ़ाया।
आपको बता दें कि इन तीनों ही मुक्केबाजों ने अपनी-अपनी वेट कैटेगरी में अपने क्वार्टरफाइनल मुकाबले जीतते हुए यह उपलब्धि हासिल कर ली। यानी कम से कम तीनों ने ब्रॉन्ज मेडल पक्के कर लिए। अभी इनमें से भारत को गोल्ड और सिल्वर मिलने की भी संभावनाएं हैं। शुक्रवार को तीनों खिलाड़ियों के सेमीफाइनल मुकाबले होने हैं। अगर इनमें से कोई गोल्ड मेडल जीतता है तो वह भारत के लिए इतिहास रच देंगे। मेडल्स की संख्या के हिसाब से यह भारत का बेस्ट प्रदर्शन है। 2019 के संस्करण में देश के हिस्से दो मेडल आए थे।
अगर क्वार्टरफाइनल मुकाबलों की बात करें तो दीपक भोरिया ने किरगिज्स्तान के मुक्केबाज को 5-0 से हराकर शानदार जीत दर्ज की। वहीं हुसामुद्दी ने बुल्गारिया के डियाज इबानेज को 4-3 से हराया। उधर निशांत देव ने क्यूबा के जोर्ज को 5-0 से हराकर देश के लिए तीसरा मेडल पक्का किया। सात महीने पहले ही भारतीय बॉक्सिंग टीम में बतौर हाई परफॉर्मेंस डायरेक्टर के तौर पर आए बरनार्ड डुने के नेतृत्व में यह मुक्केबाजों का शानदार प्रदर्शन रहा है। टोक्यो ओलंपिक में किसी भी पुरुष बॉक्सर ने देश के लिए मेडल नहीं जीता था। उसके बाद डुने ने शानदार काम किया, जिसका नतीजा ताशकन्द में देखने को मिल रहा है।
अब 51 किलोग्राम वर्ग के सेमीफाइनल मुकाबले में दीपक भोरिया का सामना फ्रांस के बिलाल बेनमा से शुक्रवार को होगा। वहीं 57 किलोग्राम वर्ग में हुसामुद्दीन के सामने क्यूबा के सैडेल होर्टा की चुनौती होगी। इसके अलावा 71 किलोग्राम वर्ग में निशांत के सामने होंगे एशियआई चैंपियन कजाकिस्तान के असलानबेक शिम्बरजेनोव। यह चुनौतियां आसान नहीं होंगी। लेकिन इन तीनों ही मुक्केबाजों ने जिस तरह से क्वार्टरफाइनल में प्रदर्शन किया है वो देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा, कि कम से कम एक गोल्ड तो भारत के हिस्से आ सकता है।