हंगरी के बूडापेस्ट में जारी 19वीं वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में गुरुवार को भी भारत के हाथ निराशा लगी। लॉन्ग जंप फाइनल में क्वालीफाई करने वाले जेस्विन एल्ड्रिन से पहले पदक की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन वह इस उम्मीद पर खरे नहीं उतर पाए। 12 लोगों के फाइनल मुकाबले में भारतीय एथलीट 11वें स्थान पर रहे और उनकी बेस्ट जंप थी 7.77 मीटर की। जबकि उनके नाम 8.42 मीटर का नेशनल रिकॉर्ड दर्ज है। इस प्रतियोगिता में ग्रीस के मिल्टियादिस टेंटोग्लू ने 8.52 मीटर की जंप के साथ अपना पहला वर्ल्ड चैंपियनशिप का गोल्ड जीता। इससे पहले टोक्यो ओलंपिक में भी इस खिलाड़ी ने गोल्ड मेडल अपने नाम किया था।
भारतीय एथलीट जेस्विन एल्ड्रिन की बात करें तो फाइनल मुकाबले में उनके पहले दो प्रयास फाउल हो गए थे। गुरुवार रात हुए इस फाइनल में तीसरे प्रयास में एल्ड्रिन 8 का आंकड़ा भी नहीं छू पाए। वह सिर्फ 7.77 मीटर की ही दूरी तय कर पाए। शुरुआती तीन प्रयासों के बाद सिर्फ टॉप 8 खिलाड़ी ही आगे गए और भारतीय एथलीट को यहीं से बाहर होना पड़ा था। क्वालीफिकेशन हीट में एल्ड्रिन 8 मीटर की जंप के साथ 12वें स्थान पर रहे थे। फाइनल में वह 8 मीटर तक पहुंच भी नहीं सके। इस तरह एक बार फिर इस वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भारत के हाथ निराशा लगी।
इससे पहले लॉन्ग वॉक रेस में भी भारत के हाथ निराशा लगी थी। इस इवेंट में भारत के 24 वर्षीय एथलीट राम बाबू ने दो घंटे, 39 मिनट और सात सेकंड के समय के साथ दौड़ पूरी कर 27वां स्थान हासिल किया था। इस प्रतियोगिता में स्पेन के अल्वारो मार्टिन ने गोल्ड मेडल जीता था। भारत की तरफ से इस इवेंट में कुल 15 प्रतियोगिताओं में भाग लिया जाना था। जिसमें से 11 पुरुषों की थीं और 4 महिलाओं की। इसमें से महज अब तीन बाकी रह गई हैं।
वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में सभी की नजरें टिकी हैं भारत के स्टार जैवलिन थ्रो एथलीट नीरज चोपड़ा के ऊपर। उनसे ही पूरे देश को पदक की उम्मीद है। उनका इवेंट शुक्रवार को होगा। वह ग्रुप ए के क्वालीफायर्स में उतरेंगे। इसकी शुरुआत भारतीय समयानुसार दोपहर 1.40 मिनट से होगी। नीरज के अलावा डीपी मनु और किशोर जेना भी जैवलिन थ्रो में हिस्सा लेंगे। जैवलिन के अलावा महिलाओं की 3000 मीटर स्टीपलचेज का नतीजा आना बाकी है। भारती की पारुल चौधरी फाइनल राउंड में उतरेंगी। साथ ही पुरुषों की 4×400 मीटर रिले के लिए भी भारत को प्रतिभाग करना है। यानी इन तीन इवेंट से ही अब पदक की आखिरी उम्मीदें बाकी हैं। भारतीय दल को वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में अभी खाता खोलना है।