वर्ल्ड एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में भारत के जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने सिल्वर मेडल जीतकर इतिहास रच दिया था। इस ऐतिहासिक उपलब्धि के बाद चोपड़ा ने बयान दिया और बताया कि फाइनल राउंड में उन्हें किन परेशानियों का भी सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि, प्रतिस्पर्धा कठिन थी और उन्हें सिल्वर मिलने की खुशी है लेकिन अगले साल वह स्वर्ण पदक जीतने की कोशिश करेंगे। इस मुकाबले में नीरज ने अपने छह में से तीन प्रयास में फाउल भी किए।
इस प्रतियोगिता के फाइनल में पदक के प्रबल दावेदार के रूप में उतरे भालाफेंक स्टार नीरज चोपड़ा ने 88.13 मीटर के थ्रो के साथ रजत पदक जीता। वह डिफेंडिंग चैम्पियन ग्रेनाडा के एंडरसन पीटर्स से पीछे रह गए जिन्होंने 90.54 मीटर के साथ स्वर्ण पदक अपने नाम किया। गौरतलब है कि भारत के लिए विश्व चैम्पियनशिप में एकमात्र पदक 2003 में पेरिस में अंजू बॉबी जॉर्ज ने लंबी कूद में कांस्य के रूप में जीता था। चोपड़ा ने विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में भारत का 19 साल का इंतजार खत्म करते हुए इतिहास के पन्नों में अपने नाम एक और उपलब्धि दर्ज करवाई।
इस प्रतियोगिता के बाद नीरज चोपड़ा ने वर्चुअल प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि,‘‘काफी अच्छा लग रहा है आज । देश के लिये रजत जीता है । अगले साल फिर विश्व चैम्पियनशिप है और कोशिश करेंगे कि उसमें स्वर्ण जीतें।’’ अगली विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप हंगरी के बुडापेस्ट में 18 से 27 अगस्त तक 2023 में खेली जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि,‘‘यहां काफी कठिन प्रतिस्पर्धा थी। सामने से हवा आ रही थी। एंडरसन पीटर्स ने तीन थ्रो 90 प्लस लगाये जो बहुत अच्छा प्रदर्शन था । यहां पहले दो थ्रो अच्छे नहीं रहे लेकिन मुझे यकीन था कि एक अच्छा थ्रो निकलेगा । नतीजे से खुश हूं कि 19 साल बाद विश्व चैम्पियनशिप में देश को पदक दिलाया ।’’
नीरज चोपड़ा ने यह भी कहा कि, उनके लिए असली चुनौती ओलंपिक वाले स्तर पर लौटने की थी और उन्हें खुशी है कि मेहनत रंग लाई। उन्होंने कहा ,‘‘ट्रेनिंग का समय कम था और सबसे बडी चुनौती थी कि खुद को उस स्तर तक लेकर आये । बहुत मेहनत की। ओलंपिक के बाद से असली खेल का पता लगा कि कितनी मेहनत करनी पड़ती है प्रदर्शन का स्तर बरकरार रखने के लिये। खुशी है कि मैं अच्छा प्रदर्शन कर पा रहा हूं । दो बार राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया है।’’
चौथे थ्रो के बाद नीरज चोपड़ा को जांघ पर जकड़न महसूस हुई और आखिरी दो थ्रो फाउल निकले। उन्होंने कहा ,‘‘चौथा थ्रो भी और आगे जा सकता था। उसके बाद मुझे जांघ में जकड़न लगी और आखिरी दो थ्रो अच्छे नहीं गए। मैने जांघ पर पट्टी बांधी थी। मुझे कल सुबह ही पता चलेगा क्योंकि शरीर अभी भी गर्म है। उम्मीद है कि राष्ट्रमंडल खेलों से पहले कोई दिक्कत नहीं होगी।’’ उन्होंने आगे कहा ,‘‘मैं साइ (SAI), टॉप्स (टारगेट ओलंपिक पोडियम योजना), एथलेटिक्स महासंघ और भारत सरकार को धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होने मुझे इतना सपोर्ट किया। मुझे विदेशी कोच दिया और बाहर ट्रेनिंग के लिए भेजा जिससे मैं विदेश में हर अंतरराष्ट्रीय स्पर्धा खेल सकता हूं। मैं आशा करता हूं कि हर खेल में ऐसा ही सहयोग मिलता रहेगा और हमारा देश खेल में आगे तरक्की करेगा।’’