टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाले नीरज चोपड़ा के नाम एक और उपलब्धि दर्ज हो गई है। उन्होंने यूजीन में जारी वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल अपने नाम कर इतिहास रच दिया है। उन्होंने इस चैंपियनशिप में 19 साल बाद भारत को पदक दिलाया है। आखिरी बार भारत की महिला एथलीट अंजू बॉबी जॉर्ज ने 2003 में पेरिस में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया था।
फाइनल राउंड में नीरज चोपड़ा की शुरुआत खराब रही थी। लेकिन तीसरे और चौथे प्रयास से उन्होंने लय पकड़ी। चौथे प्रयास में नीरज ने फाइनल मुकाबले का अपना बेस्ट 88.13 मीटर का थ्रो किया और रजत पदक अपने नाम किया। उनका पहला और पांचवां अटेम्प्ट इस बीच फाउल भी रहा। वहीं ग्रेनाडा के एंडरसन पीटर्स ने पांच में तीन बार 90 मीटर की लाइन पार कर गोल्ड मेडल अपने नाम किया। चेक रिपब्लिक के जाकूब वालडेच ने कांस्य पदक जीता।
नीरज चोपड़ा ने ग्रुप ए क्वालीफिकेशन में शुरूआत की और 88.39 मीटर का थ्रो फेंका था जो उनके कैरियर का तीसरा सर्वश्रेष्ठ थ्रो था। डिफेंडिंग चैम्पियन पीटर्स ने ग्रुप बी में 89.91 मीटर का थ्रो लगाकर पहला स्थान हासिल किया था। चोपड़ा का सर्वश्रेष्ठ निजी प्रदर्शन 89.94 मीटर का है। इससे पहले उन्होंने लंदन विश्व चैम्पियनशिप 2017 में हिस्सा लिया था लेकिन फाइनल के लिए वह क्वालीफाई नहीं कर पाए थे। दोहा में 2019 विश्व चैम्पियनशिप में वह कोहनी के ऑपरेशन के कारण नहीं खेल सके थे। चोपड़ा ने इस सत्र में दो बार पीटर्स को हराया था जबकि पीटर्स जून में डायमंड लीग में विजयी रहे थे। पीटर्स अब सत्र में छह बार 90 मीटर से अधिक का थ्रो फेंक चुके हैं जबकि चोपड़ा अभी तक यह बाधा पार नहीं कर पाए हैं।
वहीं नीरज चोपड़ा ने जहां सिल्वर मेडल जीता तो भारत के अन्य जैवलिन थ्रोअर जो फाइनल राउंड का हिस्सा थे वह 10वें स्थान पर हे। रोहित ने तीसरे प्रयास में अपना बेस्ट 78.72 मीटर का थ्रो किया। क्वालीफाइंग राउंड के बाद 12 थ्रोअर फाइनल मुकाबले में आए थे। कुल 34 एथलीट ने इस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था। वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप के इतिहास पर नजर डालें तो भारत के लिए एकमात्र पदक 2003 में पेरिस में अंजू बॉबी जॉर्ज ने लॉन्ग जम्प में जीता था। अंजू ने उस प्रतियोगिता में कांस्य पदक अपने नाम किया था।