जिला पुलिस बल में तैनात महिला सिपाही अर्चना कुमारी (28 वर्ष) ने बुधवार (13 सितंबर) की शाम गले में फंदा डालकर खुदकुशी कर ली. वह 112 पुलिस टीम के कंट्रोल रूम में कार्यरत थी. पति सुमन कुमार भी समस्तीपुर में सिपाही के पद पर कार्यरत हैं जो फिलहाल दो महीने से निलंबित चल रहे हैं. महिला सिपाही ने नगर थाना परिसर स्थित वायरलेस भवन के ऊपर संचालित कंट्रोल रूम में आत्महत्या की है.
बताया जाता है कि जिस समय उसने खुदकुशी की उस वक्त कंट्रोल रूम में उसके अलावा कोई नहीं था. महिला सिपाही के तीन बच्चे भी हैं. घटना की सूचना मिलते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया. सूचना मिलते ही पुलिसकर्मियों ने कमरे का दरवाजा तोड़कर आनन-फानन में सदर अस्पताल पहुंचाया जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया.
घटना की जानकारी मिलने के बाद एसपी विनय तिवारी, मुख्यालय डीएसपी अमित कुमार, सदर डीएसपी संजय कुमार पांडेय सदलबल सदर अस्पताल पहुंचकर जांच की. मौके से पुलिस ने दो पन्ने का सुसाइड नोट भी बरामद किया है. इस घटना की सूचना मिलते ही पुलिस एसोसिएशन के सदस्य सहित अन्य पुलिसकर्मी भी सदर अस्पताल पहुंच गए.
अस्पताल में मौजूद पति सुमन कुमार ने मेजर सहित अन्य पुलिस अधिकारियों पर पत्नी को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया. रोते हुए बताया कि छह जून को ही उसे सरकारी आवास आवंटित हुआ था. एक महीना बाद चाभी मांगने सार्जेंट मेजर के पास गए तो उन्होंने चीफ मुंशी सूरज से कह दिया था कि चाबी दे दो. इस पर सूरज ने कहा था कि एक छोटा सा ताला लगा है उसे तोड़कर शिफ्ट हो जाइए. ऐसा करने के बाद प्रभारी ने फोन किया और कहने लगे कि कैसे शिफ्ट हो गए. इसके बाद डीएसपी ने सस्पेंड कर दिया.
इधर सदर डीएसपी संजय पांडेय ने कहा कि महिला सिपाही ने ड्यूटी के दौरान खुदकुशी की है. कमरे का दरवाजा तोड़कर उसे इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया. उसके परिवार वालों को सूचना दे दी गई है. आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. घटना को लेकर हर एक बिंदुओं पर जांच की जा रही है.