लोकसभा चुनाव 2024 से पहले बीजेपी के खिलाफ जेडीयू ने भी रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में 5 नवंबर को पटना में भीम संसद कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. पटना स्थिति जेडीयू कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा, मंत्री अशोक चौधरी और मंत्री सुनील कुमार ने इसका ऐलान किया. इस दौरान ‘संविधान बचाओ और आरक्षण बचाओ’ का स्लोगन भी दिया गया है.
क्या भीम संसद के माध्यम से जेडीयू की ओर से 2024 लोकसभा चुनाव में दलितों को साधने की कोशिश होगी? इस सवाल पर मंत्री अशोक चौधरी का कहना है कि इसका लोकसभा चुनाव से कोई मतलब नहीं है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से बीजेपी मजबूत हो रही है और आरएसएस के एजेंडे को आगे बढ़ा रही है, उससे लगता है कि अगर यही स्थिति रही तो वे तिरंगा को बदलकर भगवा कर देंगे.
“लोकसभा चुनाव से भीम संसद कार्यक्रम का कोई मतलब नहीं है. यह आने वाली पीढ़ी को लेकर हो रहा है क्योंकि जिस प्रकार से बीजेपी मजबूत हो रही है और आरएसएस के एजेंडे को आगे बढ़ा रही है, उससे लगता है कि बीजेपी देश का तिरंगा बदलकर भगवा कर देगी. आरएसएस देश को हिंदू राष्ट्र बनाना चाहता है. बीजेपी संविधान को बदलना चाहती है और आरक्षण को भी समाप्त करना चाहती है. ऐसे में लोगों में जागरूकता के लिए भीम संसद का आयोजन किया गया है”- अशोक चौधरी, भवन निर्माण मंत्री
वहीं, इस बारे में जानकारी देते हुए जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कहा कि भीम संसद में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के साथ पार्टी के सभी मंत्री और बड़ी संख्या में नेता और कार्यकर्ता भी शामिल होंगे. पूरे देश में भीम संसद के माध्यम से एक मैसेज देने की कोशिश होगी.
इस दौरान मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि आज देश में महंगाई और बेरोजगारी सहित जो जरूरी मुद्दे हैं, उस पर चर्चा नहीं हो रही है और गैर जरूरी मुद्दों पर चर्चा की जा रही है. इंडिया और भारत को लेकर बेवजह बहस चल रही है, क्योंकि हमारे संविधान में दोनों का जिक्र है. इन्हीं मुद्दों को लेकर दलित समाज में जागरूकता के लिए भीम संसद का आयोजन होगा.
बिहार में लोकसभा की 40 सीटे हैं. उसमें से 6 सीट अनुसूचित जाति-जनजाति के लिए सुरक्षित है. उस पर सभी दलों की नजर है. जेडीयू की तरफ से पहले भी भीम संसद का कार्यक्रम आयोजित होता रहा है लेकिन इस बार पटना में बड़ा कार्यक्रम होगा. माना जा रहा है कि इस कार्यक्रम के माध्यम से दलितों को रिझाने की कोशिश होगी.