बिहार में शिक्षा विभाग द्वारा छुट्टी में कटौती के फैसले को वापस लेने के बावजूद शिक्षकों की नाराजगी कम नहीं हुई है. आज शिक्षक दिवस के मौके पर प्रदेश में शिक्षक प्रतिरोध दिवस मना रहे हैं. प्रदेश के 76000 विद्यालयों में लगभग चार लाख से अधिक शिक्षक राज्य कर्मी के दर्जा की मांग कर रहे हैं. इसके साथ ही आंदोलनकारी शिक्षकों पर हुई निलंबन की कार्रवाई को वापस लेने की मांग को लेकर वो हाथों में काला पट्टी लगाकर विद्यालयों में बच्चों को पढ़ाने की तैयारी में हैं.
बिहार टीईटी प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश संयोजक राजू सिंह ने कहा कि यह शिक्षा का संगठनों के एकजुटता का परिणाम है. यह शिक्षकों की एक बड़ी जीत है. उन्होंने कहा कि आगामी 3 सितंबर को हुई बैठक में सभी शिक्षक संगठनों ने निर्णय लिया था. नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा देने, आंदोलनकारी शिक्षकों के ऊपर हुई निलंबन की कार्रवाई को वापस लेने और रद्द की गई छुट्टियों को वापस बहाल करने की मांग की गई है.
सभी शिक्षक संगठन 5 सितंबर को काली पट्टी बांधकर शैक्षणिक कार्य करेंगे. 9 सितंबर को प्रखंड मुख्यालय में सीएम और डिप्टी सीएम का पुतला दहन करेंगे. राजू सिंह ने कहा कि शिक्षकों के एकजुट होने पर शिक्षा विभाग ने रद्द की गई छुट्टियों को बहाल कर दिया है और इस फैसले का वह स्वागत करते हैं. यह प्रदेश के 14 से अधिक शिक्षक संगठनों की एकजुटता का परिणाम है. शिक्षा विभाग के फैसले का प्रदेश के सभी शिक्षक स्वागत कर रहे हैं लेकिन शिक्षकों की तीन प्रमुख मांगों में सिर्फ एक मांग ही पूरी हुई है.
“राज्य कर्मी का दर्जा और आंदोलनकारी शिक्षकों से कार्रवाई को हटाने की दो मांगों को अभी भी पूरी नहीं हुई है. इस वजह से शिक्षक दिवस के मौके पर पूर्व से आयोजित कार्यक्रम को शिक्षक जारी रखेंगे. राज्य कार्मी के दर्जा की मांग को लेकर 5 सितंबर को विद्यालयों में काला पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा.”- राजू सिंह, प्रदेश संयोजक, बिहार टीईटी प्रारंभिक शिक्षक संघ