भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो के सूर्य मिशन आदित्य एल1 ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से सफलता पूर्वक लॉन्चिंग कर ली है. चंद्रयान-3 के बाद यह भारत का एक महत्वपूर्ण मिशन है जिस पर पूरी दुनिया की नजर है.
हमारी पृथ्वी से सूर्य लगभग 15 करोड़ किमी दूर है. आदित्य एल1 वैसे तो इस दूरी का महज एक प्रतिशत यानी 15 लाख किलोमीटर ही तय कर रहा है और इसे यह दूरी तय करने में लगभग चार महीने का समय लगेगा. लेकिन इतनी सी दूरी तय करके भी यह सूर्य के बारे में हमें ऐसी कई जानकारियां देगा, जो पृथ्वी से पता करना संभव नहीं होता. आदित्य एल-1 अभियान सूर्य की अदृश्य किरणों और सौर विस्फोट से निकली ऊर्जा के रहस्य सुलझाएगा.
इसरो के अनुसार इस सूर्य मिशन के अध्ययन से हमें सूर्य के गतिशील परिवर्तनों के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त होगी और हम यह समझने में सक्षम होंगे कि सूर्य हमारे सौर मंडल और पृथ्वी पर कैसे प्रभाव डालता है. इस मिशन का उद्देश्य सूर्य के बारे में हमारी समझ को गहरा करना है, विशेष रूप से इसके बाहरी वायुमंडल की हीटिंग के बारे में.
दरअसल सूर्य हमारे सौर मंडल का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है ये हमारी पृथ्वी को जीवन के लिए आवश्यक ऊर्जा प्रदान करता है, लेकिन यह बहुत ऊर्जावान और खतरनाक ग्रह भी है. सूर्य के तूफान और विस्फोट अंतरिक्ष में ऊर्जा और पदार्थ को फेंक सकते हैं, जिससे पृथ्वी के उपग्रहों और अन्य अंतरिक्ष यान को नुकसान हो सकता है.
इसरो के अनुसार आदित्य-एल1 मिशन से प्राप्त परिणाम हमें सभी खतरों को पूर्वानुमानित करने में और हमें इन खतरों से बचाने के लिए बेहतर तरीके विकसित करने में सक्षम करेंगे. इसरो के अमुसार, इस मिशन से मिली जानकारियां अंतरिक्ष के दूसरे तारों, हमारी आकाश गंगा और खगोल विज्ञान के कई रहस्य और नियम समझने में मदद करेंगी. मिशन के परिणाम कई वर्षों तक वैज्ञानिकों और इंजीनियरों के लिए शोध का विषय होंगे.