पटना हाईकोर्ट ने बिहार पुलिस एवं बिहार विशेष सशस्त्र बल में कांस्टेबलों की नियुक्ति प्रक्रिया को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका पर सुनवाई करने के बाद इसे खारिज कर दिया है. चीफ जस्टिस केवी चंद्रन एवं जस्टिस पार्थ सारथी की खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा कि योग्यता प्राप्त करने, कट-ऑफ तारीख तय करने और ऊपरी एवं न्यूनतम आयु सीमा की शर्तों को पूरा करने में कोई गड़बड़ी नहीं दिखती है.
ऐसे मामलों में निर्णय लेना नियुक्ति प्राधिकारी का काम है. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह ध्यान में रखना आवश्यक है कि राज्य, नियुक्ति प्राधिकारी ऐसी शर्तों पर निर्णय लेने के लिए बेहतर स्थिति में है. लोकहित याचिका में दिनांक 1 अगस्त, 2022 को जारी योग्यता शर्त और आयु सीमा के आधार पर अधिसूचना को चुनौती दी गई थी.
चुनौती में यह तर्क दिया गया कि इस कट-ऑफ तिथि में उन उम्मीदवारों को शामिल नहीं किया गया है, जिन्होंने शैक्षणिक वर्ष 2022-23 के दौरान अपने इंटरमीडिएट पाठ्यक्रम पूरे कर लिए थे, जो अभी समाप्त हुआ था.
याचिकाकर्ता ने दावा किया कि ये शर्त सार्वजनिक रोजगार में बाधा डालती है. अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता यह दर्शाने में असमर्थ रहे कि कैसे शर्तों ने उसकी उम्मीदवारी में बाधा डाली. कोर्ट ने सभी पक्षों की दलीलें और तथ्यों का अवलोकन करने के उपरांत कर इस जनहित याचिका को खारिज कर दिया.