बिहार शिक्षा विभाग द्वारा छुट्टी कटौती के नए फैसले पर सियासत शुरू हो गई है. भाजपा ने सरकार के फैसले पर आपत्ति जाहिर की है, पार्टी की ओर से कहा गया है कि हिंदुओं के त्यौहार की छुट्टी रद्द कर सरकार ने हिंदू विरोधी मानसिकता दिखाई है. बिहार सरकार तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है. बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी ने इस पर कड़ी अपत्ति जताई है.
सांसद सुशील मोदी ने कहा है कि कानून के मुताबिक शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों में नहीं लगाया जाएगा. इसके बावजूद उन्हें जातिगत जनगणना के कार्य में लगाया गया. सरकार की मंशा शिक्षा के गुणवत्ता को सुधारने की नहीं है. हिंदुओं के त्यौहार में दी जाने वाली छुट्टियां को रद्द करना तुष्टिकरण की राजनीति है, जो किसी भी तरह सही नहीं है. राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने सरकार के इस फैसले पर हैरानी जताई है.
“सरकार का यह फैसला हिंदू विरोधी है. हिंदुओं के त्यौहार रक्षाबंधन, दीपावली छठ जन्माष्टमी के दौरान दी जाने वाली छुट्टियों में कमी की गई है. मोहम्मद साहब के जन्मदिन और चेहल्लुम की छुट्टियां यथावत हैं, रहनी भी चाहिए लेकिन हिंदुओं के त्यौहार में दी जाने वाली छुट्टियां को रद्द करना तुष्टिकरण की राजनीति है. सरकार को इस फैसले को फौरन वापस लेना चाहिए”- सुशील कुमार मोदी, सांसद, बीजेपी
दरअसल शिक्षा विभाग की ओर से छुट्टियों में जो कटौती की गई है वो खासतौर पर हिंदुओं के त्यौहार की छुट्टी में कटौती की गई है. इसलिए भाजपा ने सरकार के इस फैसले पर विरोध जताया है. वहीं हिंदुओं के पर्व, त्योहार पर छुट्टियों में कटौती सम्बन्धी हिन्दू विरोधी सर्कुलर बिहार सरकार से वापस लेने की मांग भी उठने लगी है. सर्कुलर में जन्माष्टमी, जितिया, रक्षाबंधन, कार्तिक पूर्णिमास दीपावली और छठ के दौरान दी जाने वाली छुट्टियां को रद्द किया है. पूरे साल स्कूलों में होने वाली 23 छुट्टियों को घटाकर 11 कर दिया गया है.