बिहार के गया में एक नाबालिक लड़की का शव बरामद हुआ है. लड़की पिछले तीन दिनों से घर से लापता थी. इसके बाद से उसका कोई पता नहीं चल रहा था. रविवार को जब उसका शव मिला तो मृतका के परिवार में कोहराम मच गया. बाद में परिजनों ने उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया. हालांकि इमामगंज थाना की पुलिस को इस घटना की कोई जानकारी नहीं थी. बताया जाता है कि मृतका नक्सली इलाके के एक गांव की सबसे पढ़ी-लिखी लड़की थी.
घटना गया के नक्सल प्रभावित इमामगंज थाना क्षेत्र की है. जानकारी के अनुसार नाबालिग लड़की का शव पास के जंगल से मिला. जिसकी पहचान उसके घर वालों ने की. वहीं घटना के संबंध में मृतका की मां ने बताया कि पिछले तीन दिनों से वो घर से गायब थी. मामूली बात को लेकर झगड़ा हुआ था, जिसके बाद वह घर से निकल गई थी. आज सोमवार को उसका शव मिला है.
“हमारे गांव की ये सबसे पढ़ी-लिखी लड़की थी, जो इसी साल मैट्रिक की परीक्षा पास की थी. गांव में किसी प्रकार का लिखा हुआ कागज या पत्र आने पर यही लड़की पढ़ा करती थी. गांव की सबसे ज्यादा पढ़ी-लिखी लड़की की मौत से गांव के लोग दुखी हैं.”-लालदेव परहिया, स्थानीय
गांव के एक व्यक्ति ने बताया कि इस घटना की जानकारी इस गांव के अलावा कई गांव को है, लेकिन पुलिस को नहीं पता है. हम लोगों ने शव को लाकर उसका अंतिम संस्कार कर दिया है. गांव के लोग कानून की जानकारी के मामले में काफी पिछड़े हैं. परहिया आदिवासी जाति होती है. मृतक उसी जाति से नाबालिग थी. कानून की जानकारी नहीं रहने के कारण ही लोगों ने लड़की के शव को पहले उतारा और फिर अंतिम संस्कार कर दिया.
जंगल में बकरी चराने वालों ने लड़की का शव देखा तो कई गांव के लोग वहां जुट गए. बाद में लड़की के घर वालों द्वारा उसकी पहचान की गई और शव परिवार वालों को सौंप दिया गया. घर वालों के अनुसार जिस दिन लड़की घर से निकली थी, उस दिन उसकी मां के साथ मामूली विवाद हुआ था. वहीं इस सिलसिले में जब इमामगंज थाना के थानाध्यक्ष उदय शंकर से मीडिया ने बात की तो उन्होंने कहा कि इस मामले के बारे कोई जानकारी नहीं है.
“आप लोगों के माध्यम से ही पता चला रहा है, अब तक इस मामले में कोई जानकारी हम लोगों को नहीं है, ना ही कोई एफआईआर दर्ज हुई है.”- उदय शंकर, थानाध्यक्ष, इमामगंज