भागलपुर: देश भर में चंद्रमा की सतह पर रोवर उतरने का जश्न मनाया जा रहा है. अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो चंद्रयान-3 मिशन के सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग होने के बाद से देशवासियों में उत्साह का माहौल है. वहीं दूसरी तरफ चांद में जमीन खरीदने की खबरें भी सामने आ रही हैं.
भागलपुर के SDO ने चांद पर खरीदी जमीन: भागलपुर के बिजली अधिकारी एसडीओ रविंद्र कुमार ने चांद पर जमीन खरीदने का दावा किया है. इसको लेकर चर्चा गर्म है. बता दें कि चांद पर जमीन खरीदने वाले वह पहले शख्स नहीं है. इससे पहले बॉलीवुड के दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत ने भी जमीन खरीदी थी. वहीं 2020 में गया के बसंतपुर गांव के नीरज ने भी जमीन खरीदने का दावा किया था. उनको जमीन खरीदने में एक साल का समय लगा था.
वहीं बिजली विभाग के एसडीओ रविंद्र कुमार ने ईटीवी भारत के संवाददाता को फोन पर बताया कि उन्होंने 34 यूरो यानी भारतीय 2158 रुपए में 2 एकड़ जमीन के टुकड़े का लूनर लैंड डिड भी प्राप्त किया है. वहीं उन्होंने बताया कि जमीन उन्होंने अपनी पत्नी बेटी एवं खुद के नाम से संयुक्त रूप से ली है.
आपको बता दें कि चंद्रमा पर जीवन की संभावना को लेकर अभी बहस चल रही है लेकिन इसी बीच भागलपुर जिले के बिजली विभाग के एसडीओ रविंद्र कुमार पहले शख्स बने हैं जिन्होंने चांद पर जमीन खरीदी है. इसको लेकर इलाके में चर्चाएं भी खूब हो रही हैं.
चांद पर जमीन लेन बस फैशन या इमोशन्स जाहिर करने का तरीका है. चांद पर बसने को लेकर बहस जारी है. भारत ही नहीं बल्कि दूसरे देशों के भी कई लोग चांद पर जमीन खरीद चुके हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार दुनिया में दो संस्थाएं लूना सोसाइटी इंटरनेशनल और इंटरनेशनल लूनर लैंड्स रजिस्ट्री चांद पर जमीन बेचने का दावा करती है. उनका दावा है कि दुनिया के कई देशों ने उन्हें चांद पर जमीन बेचने के लिए ऑथराइज्ड किया है. लेकिन इसका कोई सबूत नहीं है. वहीं इंटर नेशनल स्पेस कानूनों के अनुसार चांद पर जमीन खरीदना कानूनी तौर पर मान्य नहीं है. इसका कारण है कि खगोलीय पिंड यानी चांद, सितारे और अन्य खगोलीय वस्तु किसी भी देश के अधीन नहीं आते हैं.