बिहार के दरभंगा में नौकरी के नाम पर ठगी करनेवाले गैंग का पर्दाफाश हुआ है. पुलिस ने इस मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया है. बताया जा रहा है कि गैंग युवाओं को नौकारी पाने का झांसा देकर उनसे पैसे ऐंठता था. फिर उनका ब्रैनवॉश कर उनके द्वारा साथियों को यहां बुलाकर उनसे भी ठगी कराते थे. पुलिस ने सूचना के आधार पर कार्रवाई करके कई युवाओं को उनके चुंगल से आजाद कराया. साथ ही इस मामले में सात लोगों को गिरफ्तार कर लिया है.
दरअसल, मामला दरभंगा के यूनिवर्सिटी थाना क्षेत्र का है. कटिहार के रहनेवाले मानीउद्दीन का बेटा नौकरी पाने का सपना देखकर दरभंगा गया था. मगर, उसके पिता को वो जगह कुछ ठीक नहीं लगी. इसके बाद उसने किसी तरह अपने बेटा का लोकेशन लेकर पुलिस को इसकी जानकारी दी. इसके बाद पुलिस ने वहां पहुंचकर छापेमारी कर कई बच्चों का आजाद कराया.
इस मामले में कटिहार के रहनेवाले शेखउद्दीन ने बताया कि गोदाम में काम करने और अठारह हजार महीना देने की बात कहकर उसे वहां बुलाया गया था. साथ ही नौकरी के नाम पर उनसे उन्नीस हजार पांच सौ रूपये लिए गए थे. तीन पहले महीनें वो वहां गया था. मगर, उसे कुछ काम नहीं दिया गया. वो उनसे उनके दोस्तों को फोन करावाकर, उन्हें भी नौकरी के बाहने से वहां बुलाते थे. इस दौरान आरोपियों ने उन्हें एक भी रुपये नहीं दिए. बल्कि खाना खिलाने के नाम पर हर महीने उनसे तीन हजार रुपये लेते थे. उसने बताया कि करीब 400-500 युवा उनके अलग-अलग ठिकाने पर रुके हुए हैं. सभी युवा नौकरी के झांसे में दूसरे जिले से आए हैं.
इस मामले में पुलिस अधिकारी सुबोध कुमार सिंह ने बताया कि गैंग बेरोजगार युवा को नौकरी के नाम पर झांसा देकर उनसे ठगी करता था. आरोपियों का गैंग नेट्वर्किंग की तरह काम करता था. यहां आए बच्चों का ब्रेनवाश किया जाता था. आरोपी बड़ी चालाकी से दूसरे जिले के युवाओं को अपने जाल में फंसाता था. पुलिस ने कई बच्चे को यहां से आजाद करा लिया है.
वहीं, पुलिस ने गैंग के सात लोगों को भी हिरासत में लिया है. पुलिस के अनुसार मामला काफी बड़ा है. कई जगह गैंग के तार जुड़े हैं. ऐसे में यूनिवर्सिटी थाना के बड़े अधिकारी से लेकर पटना के पुलिस अधिकारियों को भी इसकी सूचना दी गई है. पुलिस इस मामले में आरोपियों से पूछताछ करके अन्य युवाओं को छुड़वाने के लिए छापेमारी कर रही है.
इस मामले में शिकायतकर्ता और पीड़ित बच्चे के पिता मुनीउद्दीन ने बताया की उसके दो लड़का इस रैकेट में फंस गए थे. पुलिस की मदद से आज उनके दोनों बच्चा उन्हें मिल गए हैं. साथ ही उनके ही गांव का एक बच्चा भी यहां मिल गया है. सभी को आरोपियों ने नौकरी का झांसा देकर यहां बुलाया था और बच्चों को एक तरह से कैद करके रखा था.