बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने शराबबंदी को लेकर एक बार फिर सीएम नीतीश कुमार पर हमला बोला है. मांझी ने शराबबंदी को नाटक करार दिया और इसे सिर्फ दलितों और महादलितों का शोषण होने की बात कही.
दरअसल, जीतन राम मांझी ने सोमवार को वजीरगंज प्रखंड के पतेड़ मंगरावा गांव का दौरा किया और यहां महादलित समाज के लोगों से मुलाकात की. इस दौरान मांझी ने लोगों से कहा कि जो सरकार दारू से बैन हटाए, अब उसे ही वोट देना है. उन्होंने कहा कि जब हम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ थे, उस वक्त भी हमने कहा था कि शराबबंदी अच्छी नहीं है. बिहार में जो शराबबंदी का नाटक चल रहा है, उसको बंद कीजिए. उनका ये बयान सोशल मीडिया पर बड़ी तेजी से वायरल हो रहा है.
पूर्व मुख्यमंत्री से मंगरावा गांव के लोगों ने बताया कि बीते दिनों आबकारी और पुलिस ने दारू के नाम पर गांव के लोगों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा है. पुलिस की पिटाई से दर्जनों महिला, पुरुष और बच्चे घायल हुए हैं. इतना ही नहीं मांझी के सामने एक-एक करके सभी घायलों ने अपना दर्द सुनाया.
लोगों की बातें सुनकर मांझी भड़क गए और उन्होंने खुले मंच से महादलित समाज से अपील की कि अब जो सरकार दारु, बालू और ताड़ी से प्रतिबंध हटाएगा, उसे ही वोट देना है. उन्होंने कहा कि बिहार में दारू बैन होने के बाद अगर किसी का सबसे ज्यादा शोषण हो रहा है तो वह महादलित समाज है. इस दौरान मांझी ने कहा कि हमारे पिताजी भी शराब बनाते थे, लेकिन आजकल जो शराब बन रही है, वो जहरीली है.
उन्होंने कहा कि मेरे घर में भी पिताजी शराब बनाते थे. शराब बनाने में सात से आठ दिन का समय लगता था लेकिन आज कल जल्दबाजी में माफिया दो घंटे में ही शराब बना दे रहे हैं. बनाने में यूरिया समेत अन्य जहरीली पदार्थों का इस्तेमाल किया जा रहा है. जहरीली शराब पीने से लोगों की जान जा रही है.
उन्होंने कहा कि एक राज मिस्त्री की मजदूरी 700 रुपये है. वह काम करके थका है, उसने आधा बोतल शराब पी ली और पुलिस ने पकड़ लिया. अब उस गरीब को 6 हजार रुपये का जुर्माना चुकाना है, साथ में ऊपरी भी देना पड़ता है. अब वह गरीब कहां से देगा? उन्होंने सीएम नीतीश पर गरीबों की हत्या करने का भी आरोप लगाया.