सीमा पर भारत ऐसा स्वदेशी रडार तैनात करने जा रहा है, जिसकी नजर से दुश्मन का कोई भी हथियार नहीं बच पाएगा. उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल जेबी चौधरी ने इस राडार प्रणाली को हरी झंडी दिखाई. इस रडार प्रणाली का नाम स्वाति रडार है.
स्वाति रडार को युद्धक्षेत्र में निगरानी क्षमताओं को मजबूती के लिए भारतीय सेना ने अपने निगरानी बेड़े में शामिल कर महत्वपूर्ण प्रगति की है. स्वाति रडार के दो संस्करण स्वाति मैदान और स्वाति माउंटेन है.
इनमें मैदान संस्करण दुश्मन के बंदूकों, मोर्टारों और रॉकेटों का पता लगाता है जबकि दूसरी ओर सेना में शामिल किये गया स्वाति माउंटेन रडार अधिक कॉम्पैक्ट और मोबाइल संस्करण है. इस माउंटेन रडार की सबसे बड़ी खासियत ये है कि यह स्वदेशी रूप से विकसित है.
इसे बेंगलुरु में भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड ने विकसित किया है. ये न सिर्फ दुश्मन की हथियार प्रणालियों के बारे में जानकारी देगा बल्कि इसे इलेक्ट्रॉनिक युद्ध उपायों के प्रतिरोध को भी ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है.
यह रडार दुश्मनों के तोपखाने, मोर्टार और रॉकेट लॉन्चरों का स्वायत्त रूप से पता लगाने के लिए उन्नत सिग्नल प्रोसेसिंग तकनीकों का उपयोग करता है और पर्यावरणीय परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए युद्ध के मैदान में छोटे प्रोजेक्टाइल को ट्रैक करने में सक्षम है.