एक दिन पहले लालू प्रसाद यादव राजद के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी के साथ मरीन ड्राइव पर घूमने गए थे. उन्होंने वहां कुल्फी भी खाई. अब बिहार के पूर्व सीएम जीतनराम मांझी ने इस पर कड़ा ऐतराज जताया है. जीतनराम मांझी ने कहा कि कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव के स्वास्थ्य का संज्ञान लेते हुए जमानत देने का फैसला किया था और आज वे राजनीति कर रहे हैं. स्वतंत्रता दिवस परेड में शामिल हो रहे हैं. विभागों की समीक्षा कर रहे हैं. जमानत पर छूटने वाले व्यक्ति को ऐसा नहीं करना चाहिए. जीतनराम मांझी ने कहा, लालू प्रसाद यादव कानून की धज्जियां उड़ा रहे हैं. कोर्ट इसे देखेगी. वे जातीय समीकरण पर वोट लेने की बात करते हैं.
जीतनराम मांझी ने कहा कि लालू प्रसाद यादव जिस जिन्न की बात करते थे, वह अब भाजपा के साथ है. जितना डींग हांकना है, हांकते रहिए. इनका सूपड़ा साफ होने वाला है. बिहार सरकार के मंत्री सुरेंद्र राम के बयान पर जीतनराम मांझी ने कहा, भाजपा में कोई वर्चस्व की लड़ाई नहीं है. सुरेंद्र राम राजद के मंत्री हैं, उनसे यह बात कहलवाई जा रही है. जीतनराम मांझी ने कहा, पीएम नरेंद्र मोदी जिसे कहेंगे, वहीं बिहार का मुख्यमंत्री बनेगा.
सीएम नीतीश कुमार के दिल्ली दौरे पर जीतनराम मांझी ने कहा, वह सोच रहे हैं कि विरोधी दलों के गठबंधन को मजबूत करके आगे की लड़ाई लड़ें. इंडिया गठबंधन को घमंडिया बताते हुए उन्होंने कहा, बिहार की बात अगर हमलोग लें तो वे किस आधार पर जनता के पास जाने की बात करते हैं. उनका आधार केवल एक ही है और वह है- जाति और बिरादरी. उन्होंने यह भी कहा कि 26 से 27% वोट के आधार पर वे कहते हैं कि बिहार में अगली सरकार घमंडिया गठबंधन की बनेगी.
जीतनराम मांझी ने कहा, हमें भी इन बड़े भाई और छोटे भाई के साथ सरकार में रहने की बदकिस्मती मिली थी. हमलोग सामाजिक न्याय का नाम लेकर आए थे लेकिन बिहार में शिक्षा को लेकर कोई काम नहीं हुआ. राज्य में प्राथमिक और उच्च विद्यालय की स्थिति बहुत खराब है. जिसके पास पैसा है, वे बाहर जाकर पढ़ाई कर रहे हैं और बड़े अधिकारी बन रहे हैं लेकिन 85 प्रतिशत गरीब क्लर्क और चपरासी की नौकरी करने को मजबूर है. उन्होंने कहा कि विकास के नाम पर दोनों भाइयों ने कुछ नहीं किया. अब बिहार की जनता समझ गई है. वह बुद्धू नहीं है.
मांझी बोले- 2005 में नीतीश कुमार ने कहा था कि राज्य से पलायन को दूर कर देंगे. देश के सभी राज्यों में बिहार के मजदूर काम कर रहे हैं, लेकिन बिहार में एक भी उद्योग खोलने का काम नहीं किया गया. विधि व्यवस्था खराब होने से बाहरी निवेश भी नहीं हुआ. दारोगा और अन्य पुलिसकर्मी मारे जा रहे हैं. वे कहते हैं कि 2024 में सरकार बना लेंगे. काम तो कुछ किया नहीं, केवल जाति-धर्म के नाम पर ये लोग अपनी मुंह मियां मिट्ठू बन रहे हैं.