सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय जनता दल ने नेता और पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह को डबल मर्डर केस में दोषी करार दिया है। कोर्ट में 2 सितंबर को उनकी सजा पर बहस होगी, जिसके बाद उन्हें सजा सुनाएगी. ये मामला 1995 का है, उन पर आरोप है कि अपने कहे अनुसार वोट नहीं देने पर छपरा के मसरख इलाके के रहने वाले राजेंद्र राय (47) और दारोगा राय (18) की हत्या करवा दी थी. तो आइये जानते हैं कि कौन है प्रभुनाथ सिंह.
प्रभुनाथ सिंह ने 1985 में पहली बार सारण के मशरख विधानसभा सीट से चुनाव जीता था. वो राजपूत जाति से आते हैं. उन्होंने निर्दलीय ये जीत हासिल की थी. विधायक बनने के बाद उन पर शरक के तत्कालीन विधायक रामदेव सिंह काका की हत्या का आरोप लगा था. हालांकि बाद में उन्हें बरी कर दिया गया था.
उन्हें 1990 में फिर से विधायक चुना गया था, इस बार वो जनता दल से लड़ रहे थे. हालांकि 1995 में अपने ही शागिर्द अशोक सिंह के हाथों हार गए थे. इस हार के बाद उन्होंने बदला लिया था.
1990 में प्रभुनाथ सिंह दोबारा विधायक चुने गए, इस बार उन्हें जनता दल से टिकट मिला था. लेकिन 1995 में अपने ही शागिर्द अशोक सिंह के हाथों उन्हें करारी शिकस्त झेलनी पड़ी. हालात ये हो गए कि मशरक में प्रभुनाथ सिंह की सियासी जमीन सरकने लगी. इसके बाद अपनी खत्म होती राजनीति को देख बौखलाए प्रभुनाथ सिंह बदला लेने की फिराक में लग गए.
3 जुलाई 1995 को 7.20 बजे पटना के आवास में विधायक अशोक सिंह की बम मारकर हत्या कर दी गई थी. इस हत्या में प्रभुनाथ सिंह और उनके भाई दीनानाथ सिंह को आरोपी बनाया था. इस हत्याकांड के बाद प्रभुनाथ सिंह ने पटना की राजनीति छोड़कर दिल्ली का रुख किया था और लोकसभ चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं. इस मामले में उन्हें दोषी करार दिया गया था.
इस हत्याकांड के बाद उन्होंने महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ा था. इस चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के महाचंद्र प्रसाद सिंह को हराक जीत हासिल की थी. इसके बाद 2004 में JDU के टिकट पर जीत हासिल की थी. हालांकि 2009 के लोकसभा चुनाव में राजद के उमाशंकर सिंह के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा था. उमाशंकर सिंह 2012 में मौत गई थी. इसके बाद प्रभुनाथ सिंह RJD में शामिल हो गए थे और उन्होंने इस सीट से उपचुनाव लड़ा रहा और जीत हासिल की थी. इसके बाद उन्हें 2014 में फिर से इस सीट से हार का सामना करना पड़ा था.
साल 2014 के लोकसभा चुनाव में महाराजगंज के पूर्व सांसद ने बताया था कि उनकी कुल संपत्ति 3 करोड़ से ज्यादा है. इसके अलावा उनकी 4 लाख रुपये की देनदारी है. प्रभुनाथ सिंह 12वीं पास हैं.