बिहार में शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने के लिए शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक लगातार नए-नए तरीके अपना रहे है, लेकिन सरकारी विद्यालयों में तस्वीर अब भी बदतर है. भागलपुर के नवगछिया अनुमंडल अंतर्गत उच्च विद्यालय सैदपुर की तस्वीर सामने आई है जो यह दर्शा रही है कि सरकारी स्कूलों की हालत कैसी है.
दरअसल, इस विद्यालय में छात्र छाता तानकर पढ़ाई करते है. ऐसा इसलिए क्योंकि यहां बारिश होने के बाद छत से काफी पानी टपकता है. जिसके बाद छात्रों को पढ़ने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. लिहाजा छात्रों को एक हाथ से छाता पकड़ना होता है और दूसरे हाथ से कलम चलाना होता है. छत से पानी टपकता है. भवन पूरी तरह से जर्जर है. यहां 400 छात्र नामांकित है.
बता दें कि इस विद्यालय की स्थापना 1941 ईस्वी में हुई थी. इस विद्यालय ने देश को कई होनहार अधिकारी दिया है लेकिन यह विद्यालय अब अपने बदहाली और बदइंतजामी पर आंसू बहा रहा है. 13 वर्ष पूर्व शिक्षा विभाग के द्वारा नए भवन के निर्माण के लिए 26 लाख रुपये दिये गये थे. जिसके बाद संवेदक ने कार्य शुरु कर दिया. लेकिन समय पर काम पूरा नहीं होने पर शिक्षा विभाग ने सम्वेदक को शोकॉज कर काम रुकवा दिया गया.
महज 13 लाख का काम हुआ वह भवन अर्धनिर्मित पड़ा है. प्रभारी प्रधानाध्यापक ने कहा कि विद्यालय के वर्ग में बरसात के समय पानी के टपकने से पठन-पाठन सही से नहीं हो रहा है. छत से बरसात के समय पानी रिसाव के कारण बेंच-डेस्क व उपस्कर बर्बाद हो रहे हैं. बरसात के दिनों में बच्चे डर से कम पढ़ने आते हैं. जिला के शिक्षा विभाग को प्रत्येक वर्ष पत्र के माध्यम से जानकारी दे रहे हैं. इस पर कोई पहल नहीं हुआ है. बहरहाल कब तक इस विद्यालय की सूरत बदलती है देखना शेष है.