पहलगाम हमले के बाद भारत सरकार ने बांग्लादेशी घुसपैठियों पर सख्त एक्शन शुरू कर दिया है. देश के हर राज्यों में पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों विशेष अभियान चलाकर हजारों संदिग्धों की जांच कर गिरफ्तार कर रही है. केंद्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे अस अभियान का उद्देश्य देश की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करना है. प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी संदिग्ध व्यक्ति की जांच कर उस पर सख्त एक्शन लिया जाए.
गृह मंत्रालय ने निर्देश दिया कि सभी राज्यों को अपनी वैधानिक शक्तियों का उपयोग करते हुए घुसपैठियों की पहचान करनी होगी और उनकी जाँच के बाद निर्वासन की प्रक्रिया शुरू करनी होगी. मंत्रालय ने कहा है कि जिन लोगों पर संदेह है कि वो घुसपैठिए हैं, उनके दस्तावेजों का वेरिफिरेशन 30 दिन के भीतर होना जारूरी है.
बोधगया में बौद्ध भिक्षु बनकर रह रहा था बांग्लादेशी घुसपैठी
इस अभियान के तहत देश के अलग-अलग राज्यों में बांग्लादेशी घुसपैठियों की गिरफ्तारी हुई है. बिहार के बोधगया में 16 मई को एक बांग्लादेशी नागरिक को पकड़ा गया है. वह अपनी पहचान छुपाकर बोधगया के स्लीपिंग बुद्धा मॉनेस्ट्री में बौद्ध भिक्षु बनकर रह रहा था. पुलिस ने न्यायिक हिरासत में लेकर उसे जेल भेज दिया.
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, उक्त व्यक्ति कुछ सप्ताह पूर्व अवैध तरीके से बांग्लादेश से भारत आया और अरुणाचल प्रदेश में फर्जी दस्तावेज़ बनवाकर खुद को भारतीय नागरिक दर्शाने की कोशिश की. बाद में वह बोधगया आकर बुद्धा इंटरनेशनल वेलफेयर मिशन (स्लीपिंग बुद्धा मॉनेस्ट्री) में साधु के रूप में ठहर गया.
बोधगया थानाध्यक्ष मनोज कुमार सिंह ने बताया कि आरोपी पिछले 15 दिनों से अपनी पहचान छुपाकर रह रहा था. पुलिस को उसके व्यवहार और गतिविधियों पर संदेह हुआ, जिसके बाद पूछताछ में उसकी असली पहचान सामने आई. फिलहाल उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है और आगे की कानूनी कार्रवाई जारी है.
ये मामला कोई नया नहीं है बिहार में पहले भी ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं. वर्ष 2023 से अब तक के मामले को
1. किशनगंज बॉर्डर पर BSF ने 9 बांग्लादेशी घुसपैठियों को दबोचा
किशनगंज जिले से सटे भारत बांग्लादेश अंतर्राष्ट्रीय सीमा क्षेत्र में 9 मई को बीएसएफ ने 9 बांग्लादेशी को गिरफ्तार किया. उत्तर बंगाल फ्रंटियर बीएसएफ के पीआरओ ने बताया कि बांग्लादेशियों के पास से टेपेंडाजोल टैबलेट-150 स्ट्रिप, डेरोबिन टैबलेट-06 नग, कोडीन आधारित फेंसेडिल सिरप-782 बोतलें, मोबाइल फोन-05, एडेप्टर-02 बरामद किए गए.
पूछताछ में पता चला कि ये बांग्लादेशी अवैध तरीके से भारत में घुसकर राजस्थान में मजदूरी का काम कर रहे थे. भारत पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के देखते हुए वापस बांग्लादेश जाने की कोशिश में थे. इसी दौरान सभी किशनगंज बीएसएफ हेड क्वार्टर के जवानों ने दबोच लिया.
2. कटिहार से बांग्लादेशी जासूस गिरफ्तार
कटिहार जिले के एक गांव से 12 मई को बिहार पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने बांग्लादेशी जासूस को गिरफ्तार किया. पकड़े गए जासूस के पास से कई फर्जी दस्तावेज, आधार कार्ड, पासपोर्ट, और खुफिया सामग्री बरामद की गई.प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि वह वर्षों से भारत में छिपकर रह रहा था और सेना से संबंधित अहम जानकारियां इकट्ठा कर विदेशी एजेंसियों तक पहुंचा रहा था. आरोपी ने भारत में घुल-मिल जाने के लिए स्थानीय भाषा और संस्कृति को भी अपना लिया था.
STF ने जब उसके मोबाइल फोन और लैपटॉप की डिजिटल फोरेंसिक जांच की तो उसमें सेना के ठिकानों की तस्वीरें, संवेदनशील क्षेत्रों के नक्शे और कुछ संदिग्ध कोडेड संदेश भी मिले. पूछताछ में आरोपी ने भारत में सक्रिय जासूसी नेटवर्क के कुछ अन्य एजेंटों के नाम भी उजागर किए.
3. भारत-नेपाल बॉर्डर पर दो बांग्लादेशी घुसपैठिए गिरफ्तार
किशनगंज जिले में भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा बलों ने 12 मार्च को सशस्त्र सीमा बल (SSB) ने नेपाल से अवैध रूप से भारत में प्रवेश कर रहे दो बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया था.
गिरफ्तारी के बाद जब दोनों की तलाशी ली गई तो उनके पास से विदेशी करेंसी, संदिग्ध कागजात, रेलवे टिकट, होटल बुकिंग की रसीदें, इमिग्रेशन से जुड़े दस्तावेज, और मोबाइल फोन बरामद हुए. सबसे चौंकाने वाली बात थी कि तलाशी में स्लोवेनिया और क्रोएशिया के वीजा व रेजिडेंस परमिट से संबंधित दस्तावेज भी मिले, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर की गतिविधियों की आशंका जताई जा रही है.
पुलिस ने घुसपैठियों से 590 अमेरिकी डॉलर, 3735 नेपाली मुद्रा, 7507 बांग्लादेशी टका और भारतीय रुपये का एक सौ का नोट मिला था. इसके अलावा पुलिस क्लीयरेंस सर्टिफिकेट, जन्म प्रमाणपत्र, मतदाता पहचान पत्र, डिप्लोमा प्रमाणपत्र, रेडमी 5जी मोबाइल और तीन तीन बांग्लादेशी और नेपाली सिम कार्ड तथा एक भारतीय सिमकार्ड भी इनके पास से बरामद किए थे.
4. अररिया में बांग्लादेशी युवक गिरफ्तार
अररिया में पुलिस 5 अक्टूबर 2004 को एक बांग्लादेशी युवक को शनिवार को गिरफ्तार किया. वह पिछले लगभग तीन वर्षों से यहां मुश्ताक अहमद से शादी करके अपना मूल पहचान छिपाकर रह रहा था. जांच में पता चला कि पकड़ा गया युवक नवाब पेसर सुभान साकिन अररिया में नाम बदलकर रह रहा था. जो मूल रूप से बांग्लादेश का रहने वाला है. उसने अपने चचेरे ससुर सुभान को अपना पिता बनाकर अवैध तरीके से आधार कार्ड एवं वोटर कार्ड बनवाया था. पासपोर्ट वेरीफिकेशन के लिए कागजात स्थानीय मुखिया को देने पर शक हुआ. पूछताछ में युवक ने अपनी विदेशी पहचान स्वीकार कर ली थी.
5. किशनगंज रेलवे स्टेशन पर 4 बांग्लादेशी घुसपैठिए गिरफ्तार
बिहार के किशनगंज रेलवे स्टेशन से 20 जनवरी 2023 को चार बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार कि या. रेलवे सुरक्षा बल (RPF) के निरीक्षक बी. एम. धर ने बताया कि ये चारों बांग्लादेशी नागरिक बिना किसी पहचान पत्र के रह रहे थे. उन लोगों ने शुरू में खुद को पश्चिम बंगाल के रहने वाला बताया और कहा कि वे अमृतसर जाने वाली ट्रेन का इंतजार कर रहे थे.
लेकिन जांच में पता चला कि बीएसएफ जवानों की गैरमौजूदगी में सीमा बाड़ पार कर किशनगंज पहुंचे थे. गिरफ्तार सभी ठाकुरपुर जिले के रहने वाले थे. इनमें से अजीज़ुल ने सीमा पार करने की बात स्वीकार की, जबकि बाकी तीन—सुमन दास, अमोल चंद्र बर्मन और रवींद्र चंद्र बर्मन. पहली बार भारत आए थे. उनके पास से तीन मोबाइल फोन और कुछ भारतीय मुद्रा भी मिली थी.