अनंतनाग जिले के पहलगाम में आतंकियों ने खुलेआम नरसंहार किया. मंगलवार (22 अप्रैल 2025)को आतंकियों ने सैलानियों का पहले धर्म पूछा और फिर गोलियों से छलना कर दिया. आतंकियों ने हैवानियत की सारी हदों को पार कर दीं. किसी पत्नी के आंखों के सामने आतंकियों ने पति को गोली मार दी, किसी की आंखों के सामने परिजन को मौत के घाट उतार दिया. आतंकियों ने एक-दो नहीं, बल्कि 26 सैलानियों को चुन-चुन कर मारा.
बैसरन को ही क्यों निशाने पर लिया?
बता दें कि पहलगाम से बेसरन की दूरी 6 किमी है. पूरा इलाका पहाड़ों और घने जंगलों से घिरा है और काफी ऊंचाई पर स्थिति है. यहां तक वाहन भी नहीं पहुंच पाते हैं. यह पर्यटकों और ट्रैकर्स की फेयवरेट जगह है. इस इलाके में सुरक्षाबलों की तैनाती भी नहीं रहती है. पर्यटकों ने भी यही बताया कि जब आतंकियों ने हमला किया, तब वहां कोई फोर्स नहीं थी. चूंकि, घने जंगल के कारण भागना और छिपना आसान था, इसलिए नरसंहार के बाद आतंकी भाग गए.
किसने किया आतंकी हमला?
हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली है. टीआरएफ का हिट स्क्वाड फाल्कन स्क्वाड है जो कि ‘हिट एंड रन’ की तकनीक पर काम करता है. मिली जानकारी के अनुसार पिछले कुछ दिनों में ओवर ग्राउंड वर्कर की मदद से इस घाटी की रेकी की गई, जिसके आधार पर आतंकियों ने यहां हमला किया है.
कितना बड़ा हमला?
टूरिस्टों पर यह 25 साल का सबसे बड़ा आतंकी हमला है. इससे पहले वर्ष 2000 में अमरनाथ बेस कैंप पर हमले में 30 से ज्यादा नागरिक मारे गए थे और 60 घायल हुए थे. साल 2019 में घाटी के पुलवामा में भी बड़ा घातक हमला हुआ था.