मोतिहारी : “प्यार हमारा अमर रहेगा, याद करेगा जहां…” मुद्दत फिल्म का यह गीत अब केवल एक रोमांटिक कल्पना नहीं, बल्कि मोतिहारी के मधुचाई गांव में रहने वाले पूर्व पंचायत सचिव बालकिशुन राम की हकीकत बन चुका है. उन्होंने अपनी दिवंगत पत्नी शारदा देवी की याद में एक भव्य मंदिर का निर्माण करवाया है, जो प्रेम और समर्पण की अनोखी मिसाल बन गया है.
पत्नी की याद में मंदिर, नहीं कोई देवी, सिर्फ प्रेम
बालकिशुन राम की पत्नी शारदा देवी का निधन 6 साल पहले हुआ था. पत्नी के जाने के बाद वह टूट से गए थे. अपने अकेलेपन और भावनात्मक जुड़ाव को अमर बनाने के लिए उन्होंने अपने रिटायरमेंट फंड के 60 लाख रुपये खर्च कर एक विशाल मंदिर बनवाया, जिसमें शारदा देवी की मूर्ति स्थापित की गई है.
भव्यता में ताजमहल को टक्कर
इस मंदिर के निर्माण में तीन साल का समय लगा. यह न सिर्फ स्थापत्य की दृष्टि से अद्भुत है, बल्कि एक सच्चे प्रेम की निशानी के रूप में उभर रहा है. स्थानीय लोग इसे “मोतिहारी का ताजमहल” कहने लगे हैं.
पर्यटन मंत्री ने किया उद्घाटन
इस अनोखे मंदिर का उद्घाटन बिहार के पर्यटन मंत्री राजू कुमार सिंह ने किया. उन्होंने बालकिशुन के इस कार्य की सराहना करते हुए कहा कि आज के समय में जहां रिश्तों में दरार आम हो चुकी है, वहां यह मंदिर प्रेम और समर्पण का प्रतीक बन गया है.