पटना; रेलवे मुआवजा घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 8 करोड़ रुपये से अधिक की करीब दो दर्जन अचल संपत्तियों को जब्त किया है. ये संपत्तियां बिहार के पटना, नालंदा, गया और राजधानी दिल्ली में स्थित हैं.
इन लोगों के खिलाफ कोर्ट में शिकायत
ईडी ने पटना स्थित विशेष पीएमएलए कोर्ट में अभियोजन शिकायत दाखिल करते हुए दोषियों को सजा दिलाने की मांग की है. जिनके खिलाफ यह शिकायत दर्ज की गई है. जिसमें वकील विद्यानंद सिंह, परमानंद सिन्हा, रिंकी सिन्हा, अर्चना सिन्हा, विजय कुमार, निर्मला कुमार और फर्म हरजिग बिजनेस एंड डेवलपमेंट प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं.
कैसे हुआ था घोटाला?
ईडी के अनुसार, रेलवे द्वारा मृतक कर्मचारियों के परिजनों को मिलने वाले मुआवजे के नाम पर फर्जीवाड़ा किया गया. असली दावेदारों को रकम का छोटा हिस्सा देकर बाकी रकम साजिशकर्ताओं ने खुद रख ली.
100 करोड़ का घोटाला
इस घोटाले की अनुमानित राशि करीब 100 करोड़ रुपये है. फर्जी दस्तावेजों के जरिए मुआवजा राशि हड़पने के इस मामले में ED ने पटना, नालंदा और मैंगलूरु में पांच स्थानों पर छापेमारी की है.
जांच में रेलवे के पूर्व न्यायिक अधिकारी आरके मित्तल और वकील बीएन सिंह के ठिकाने भी शामिल रहे. आरके मित्तल को पहले ही भ्रष्टाचार के आरोप में नौकरी से निकाला जा चुका है.