पटना: बिहार की राजधानी पटना में पारामेडिकल छात्रों ने डोमिसाइल नीति लागू करने की मांग को लेकर विधानसभा मार्च निकाला. गांधी मैदान थाना के पास से निकले इस मार्च को जब जेपी गोलंबर पर पुलिस ने रोक दिया, तो छात्रों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.
छात्रों का आरोप है कि बिहार सरकार स्थानीय युवाओं की नौकरियां दूसरे राज्यों के अभ्यर्थियों को दे रही है. उनका कहना है कि सरकारी नौकरियों और प्रवेश प्रक्रियाओं में डोमिसाइल नीति लागू होनी चाहिए ताकि बिहार के छात्रों को प्राथमिकता मिल सके.
क्या है डोमिसाइल नीति?
डोमिसाइल नीति राज्य के स्थायी निवासियों को सरकारी नौकरियों, शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश और अन्य सरकारी लाभों में प्राथमिकता देती है. इसका उद्देश्य स्थानीय युवाओं के हितों की रक्षा करना और रोजगार के अधिक अवसर उपलब्ध कराना है.
बिहार में डोमिसाइल नीति को लेकर हाल के वर्षों में कई विवाद और आंदोलन हुए हैं. विशेष रूप से शिक्षक भर्ती और अन्य सरकारी नौकरियों में इस नीति को लागू करने की मांग लगातार उठ रही है.
छात्रों की मांग क्या है?
बिहार में सरकारी नौकरियों में 80-85% सीटें स्थानीय युवाओं के लिए आरक्षित की जाएं.
शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में बहालियों में बिहार के छात्रों को प्राथमिकता दी जाए.
डोमिसाइल नीति को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया जाए और उसे सख्ती से लागू किया जाए.