बिहार विधान मंडल के बजट सत्र के तीसरे दिन विपक्ष ने सरकार को घेरा. महिलाओं को प्रतिमाह ₹2500 देने की घोषणा न होने पर विधानसभा में जोरदार हंगामा हुआ. वहीं, आरक्षण की सीमा बढ़ाने की मांग को लेकर विधान परिषद में भी विपक्ष ने विरोध प्रदर्शन किया. पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के नेतृत्व में आरजेडी और सीपीआई (माले) के विधान पार्षदों ने विधान परिषद में जोरदार प्रदर्शन किया और सरकार से आरक्षण सीमा बढ़ाने की मांग को दोहराया.
बिहार विधान परिषद में राबड़ी देवी के नेतृत्व में विपक्षी सदस्यों ने जमकर हंगामा किया. विपक्षी विधान पार्षदों ने आरोप लगाया कि जातीय गणना के बाद भी राज्य सरकार ने आरक्षण का कोटा नहीं बढ़ाया. विपक्ष ने कहा कि सरकार बिहार में आरक्षण का कोटा नहीं बढ़ाना चाहती है.
राजद विधान पार्षद कारी सोहैब ने कहा, “भारतीय जनता पार्टी के लोग दलित विरोधी है, पिछड़ा-अति पिछड़ा विरोधी है. यही कारण है कि बिहार में आरक्षण कोटा को नहीं बढ़ने दे रहे हैं. जिन लोगों ने कर्पूरी ठाकुर को गद्दी से बाहर किया था, आज वही लोग कर्पूरी ठाकुर की बात करते हैं. लिहाजा हम लोग सरकार से मांग करते हैं कि जाति आधारित गणना के बाद जो आरक्षण का कोटा बढ़ाया गया था, उसको लागू किया जाए. अगर सरकार ऐसा नहीं करती है तो हम लोग सदन में इसको लेकर हंगामा करेंगे और जनता के सामने सरकार को बेनकाब करेंगे.”