Bihar Assembly Budget Session 2025: बिहार विधानमंडल का बजट सत्र आज यानी 28 फरवरी से शुरू हो रहा है. बजट सत्र की शुरूआत राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के अभिभाषण से हुई. राज्यपाल ने राज्य सरकार के विकास कार्यों और आने वाले समय में सरकार की योजनाओं को सदन में क्रम से रखा. उन्होंने कहा कि बिहार में 2005 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (RJD) की सरकार बनने के बाद से शिक्षा-स्वास्थ्य से लेकर हर क्षेत्र में काम हुआ है.
राज्यपाल ने कहा कि नई सरकार बनने के बाद से ही राज्य में स्वास्थ्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में काफी विकास हुआ है. राज्य में बड़ी संख्या में सड़कों और पुल-पुलियों का निर्माण कराया गया. सरकार ने बिहार में महिला सशक्तीकरण पर विशेष जोड़ दिया है. पंचायती राज, नगर निकायों में 50 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है। पहले बिहार में स्वयं सहायता समूहों की संख्या काफी कम थी. अब समूहों की संख्या 10 लाख 63 हजार हो गई है. इसमें जीविका दीदियों की संख्या एक लाख 41 हजार से अधिक है. इस मौके पर दोनों सदनों के सदस्यों के साथ विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव और विधानपरिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह मौजूद रहे.
उन्होंने कहा कि बिहार सरकार ने शुरू से ही वंचित वर्गों के लिए काम किया. इन्हें मुख्यधारा में जोड़ने के लिए कई योजना चला रही है. मुस्लिम समुदाय के मदरसों को सरकारी सहायता दी जा रही है. इसमें पढ़ाने वाले शिक्षकों को सरकारी शिक्षक के अनुरूप वेतन दिया जा रहा है. राज्य में धान, गेहूं और मक्का का उत्पादन दोगुना हो गया है. मछली उत्पादन में बिहार आत्मनिर्भर हो गया है। राज्य में 24 नवम्बर 2005 को नई सरकार बनने के बाद राज्य में कानून का राज है तथा लगातार विकास का काम हो रहा है। राज्य सरकार ने हमेशा सुशासन एवं न्याय के साथ विकास पर जोर दिया है, जिसका अर्थ है सभी क्षेत्रों का विकास एवं सभी वर्गों का उत्थान। शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, सड़क, पेयजल आदि क्षेत्रों में विशेष ध्यान दिया गया है. राज्य में अब किसी तरह के डर और भय का वातावरण नहीं है। राज्य में प्रेम, आपसी भाईचारा और शांति का माहौल है.
राज्यपाल ने कहा कि विधानसभा लोकतंत्र का पवित्र मंदिर है, जहां जनहित से जुड़े विषयों पर गहन विचार-विमर्श होता है. मैं आप सभी से आग्रह करता हूं कि सदन की मर्यादा और गरिमा को बनाये रखें. स्वस्थ बहस और तर्क-वितर्क लोकतांत्रिक प्रक्रिया का अभिन्न हिस्सा है, लेकिन यह आवश्यक है कि चर्चा मर्यादित और परिणामकारक हो. मैं सभी सदस्यों से अपील करता हूं कि वे अपने बहुमूल्य सुझाव और विचार सदन में रखें ताकि जनहित में ठोस निर्णय लिए जा सकें.
28 मार्च को सत्र का समापन
24 मार्च को वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट से संबंधित विनियोग विधेयक पर चर्चा और सरकार का उत्तर आयेगा. 25 मार्च को राजकीय विधेयक एवं अन्य राजकीय कार्य होंगे. 26 मार्च को गैर सरकारी सदस्यों के संकल्प पर चर्चा होगी. 27 मार्च को राजकीय विधेयक और अन्य राजकीय कार्य किए जाएंगे. 28 मार्च को गैर सरकारी संकल्प पर चर्चा होगी.
बजट सत्र में 19 दिनों का कार्य दिवस
राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के लिए दो कार्य दिवस होंगे. वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट पर चर्चा के लिए दो कार्य दिवस होंगे. वित्तीय वर्ष 2024-25 के तृतीय अनुपूरक बजट पर चर्चा और सरकार के उत्तर के लिए एक कार्य दिवस होगा. वित्तीय वर्ष 2025-26 के विभिन्न विभागों के अनुदान पर चर्चा और विनियोग विधेयक पर 10 कार्य दिवस होंगे. गैर सरकारी संकल्प पर चर्चा के लिए दो कार्य दिवस होंगे. राजकीय विधेयक और अन्य राजकीय कार्य के लिए दो कार्य दिवस निर्धारित किया गया है.
हिन्दुस्थान समाचार