मोकामा फाइरिंग मामले में बाहुबली पूर्व विधायक अनंत सिंह की जमानत याचिका को एमपी-एमएलए कोर्ट ने खारिज कर दिया है, जिससे उन्हें फिलहाल जेल में ही रहना होगा. उनके वकील ने कहा है कि वे इस फैसले के खिलाफ ऊपरी अदालत में अपील करेंगे.
कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा था, जिसके बाद आज गुरुवार को फैसले सुना दिया गया है. इस फैसले के बाद अनंत सिंह के समर्थकों में निराशा है.
क्या है पूरा मामला?
22 जनवरी को मोकामा के नौरंगा जलालपुर गांव में अनंत सिंह और सोनू-मोनू गैंग के बीच गैंगवार हुआ था. इस दौरान 60-70 राउंड गोलियां चलीं, जिससे पूरे इलाके में दहशत फैल गई. इस घटना के बाद दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई.अनंत सिंह और उनके एक समर्थक को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. सोनू-मोनू गैंग का सरगना सोनू सिंह भी पुलिस की गिरफ्त में आ चुका है. मोनू सिंह अभी भी फरार चल रहा है, जिसकी तलाश में पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है.
मोकामा गोलीकांड को लेकर दोनों पक्षों की अलग-अलग दलीलें सामने आई हैं. अनंत सिंह के मुताबिक, सोनू-मोनू ने गांव के एक व्यक्ति के घर पर जबरन कब्जा कर लिया था. पीड़ित की मदद करने और सोनू-मोनू को समझाने के लिए वह वहां पहुंचे थे. लेकिन उन लोगों ने अनंत सिंह के समर्थकों पर पहले फायरिंग कर दी. अनंत सिंह ने कहा, “हमलोग वहां समझाने गए थे, लेकिन उन्होंने गोली चला दी, बदले में हमें भी गोली चलानी पड़ी.”
दूसरी ओर, सोनू-मोनू के माता-पिता का आरोप है कि अनंत सिंह उनके बेटों की हत्या करने की नीयत से आए थे. उन्होंने दावा किया कि अनंत सिंह साजिश के तहत हमला करने पहुंचे थे.जानकारी के मुताबिक, पहले अनंत सिंह और सोनू-मोनू परिवार के बीच अच्छे संबंध थे. लेकिन बाद में किसी विवाद के चलते दोनों गुट एक-दूसरे के दुश्मन बन गए.