केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतामरण ने शुक्रवार को बजट सत्र के पहले दिन लोकसभा और राज्यसभा में आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 पेश किया. संसद में राष्ट्रपति के संयुक्त अभिभाषण के बाद लोकसभा की कार्यवाही 1 फरवरी को सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शनिवार को 2025-26 का केंद्रीय बजट संसद में पेश करेंगी.
राष्ट्रीय खातों के पहले अग्रिम अनुमानों के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 में भारत की वास्तविक GDP में 6.4 प्रतिशत की वृद्धि होने का अनुमान है। आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 में कहा गया है कि हमें उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2026 में वृद्धि 6.3 से 6.8 प्रतिशत के बीच होगी। आर्थिक सर्वेक्षण के… pic.twitter.com/lyc1Kt5Gsc
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 31, 2025
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के तीसरे कार्यकाल का केंद्रीय बजट 2025-26 शनिवार को पेश किए जाने से पहले केंद्रीय वित्त मंत्री ने संसद के दोनों सदनों में आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 पेश किया. इसमें चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था के प्रदर्शन का आधिकारिक आकलन प्रस्तुत किया गया है. आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 में वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर 6.3 से 6.8 फीसदी के बीच रहने का अनुमान लगाया गया है. वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह में 11 फीसदी की वृद्धि का अनुमान है, जो 10.62 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है.
आर्थिक सर्वेक्षण चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था के प्रदर्शन के आकलन के साथ देश के समक्ष चुनौतियों को बयां करती है. आर्थिक समीक्षा एक वार्षिक दस्तावेज है, जिसे सरकार केंद्रीय बजट से पहले अर्थव्यवस्था की स्थिति की समीक्षा के लिए पेश करती है. यह सुधारों और विकास का खाका भी प्रदान करती है. यह सर्वेक्षण मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी अनंथा नागेश्वरन के नेतृत्व में आर्थिक मामलों के विभाग के आर्थिक प्रभाग ने तैयार किया है. पहला आर्थिक सर्वेक्षण 1950-51 में पेश किया गया था. उस समय यह बजट दस्तावेज का हिस्सा होता था, जिसे 1960 के दशक में केंद्रीय बजट से अलग करके बजट से एक दिन पहले पेश किया जाने लगा.
साभार – हिंदुस्थान समाचार
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