पश्चिम चम्पारण: देश के नामचीन शायर और कवि डॉ शकील मोईन ने गुरुवार को महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर जन सुराज पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. प्रशान्त किशोर को उनके इस्तीफ़ा से करारा झटका लगा है. डॉ शकील मोईन देश के नामचीन शायर और बेहतरीन नाजिम ए मुशायरा, बेहतरीन वक्ता, ऑल इंडिया जूडिशल एम्प्लाइज कंफेडरेशन के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके है.
शकील मोईन ने कहा है कि पीके की पूरी चालाकी मुस्लिम वोटों के बंटवारे के लिए है. उन्होंने कहा कि प्रशान्त जी के पास कोई विजन नहीं है और न अपनी बातों में उलजलुल हरकतों की वजह से प्रभाव रख पाते हैं. शकील मोईन का कहना है कि रिटायएर्ड अधिकारियों को महत्वपूर्ण पदों पर बैठा कर और आइपैक के लोगों को पार्टी के नेताओं के सिर पर मसल्लत कर डिक्टेटराना नजाम पार्टी में कायम कर रहे हैं.
मुस्लिमों के हवाले से वह ख़ुद एक बड़ा नेता साबित करने पर तुले हैं. हमें कहा गया कि मस्जिद के इमाम और मौलवियों को जमा कीजिए, ऐसा लग रहा है जैसे खाना ए काबा की कॉन्फ़्रेन्स करने वाले हैं. मुसलमानों को इस फितना से होशियार रहने की जरूरत है. उन्होंने बताया कि आज गांधी की की यौम ए शहादत है. इसी लिए डॉ शकील मोईन ने इस्तीफा का दिन 30 जनवरी को चुना. मालूम हो कि एक-एक कर मुस्लिम नेता जन सुराज छोड़ रहे हैं. अभी तक पांच बड़े नेताओं ने पार्टी छोड़ दी है. डॉ. शकील मोइन ने कहा कि हाले दिनों में कुछ विभिन्न जातियों के कुछ दिग्गज नेता भी पार्टी छोड़ सकते हैं.
हिन्दुस्थान समाचार