पटना एमपी-एमएलए कोर्ट में आज गुरुवार को मोकामा के पूर्व विधायक अनंत सिंह की जमानत याचिका पर में सुनवाई हुई. कोर्ट ने पुलिस से केस डायरी मंगवाई है. अब अगली सुनवाई केस डायरी मिलने के बाद होगी. अनंत सिंह के वकील दिनकर दुबे ने बताया कि बेल अर्जी पर अगली कार्रवाई पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर तय होगी. मोकामा गोलीकांड में अनंत सिंह ने 24 जनवरी को बाढ़ कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया था. कोर्ट ने उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया, जिसके बाद से वे पटना की बेऊर जेल में बंद हैं.
क्या है पूरा मामला?
22 जनवरी को मोकामा के नौरंगा जलालपुर गांव में अनंत सिंह और सोनू-मोनू गैंग के बीच गैंगवार हुआ था. इस दौरान 60-70 राउंड गोलियां चलीं, जिससे पूरे इलाके में दहशत फैल गई. इस घटना के बाद दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई.अनंत सिंह और उनके एक समर्थक को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. सोनू-मोनू गैंग का सरगना सोनू सिंह भी पुलिस की गिरफ्त में आ चुका है. मोनू सिंह अभी भी फरार चल रहा है, जिसकी तलाश में पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है.
मोकामा गोलीकांड को लेकर दोनों पक्षों की अलग-अलग दलीलें सामने आई हैं. अनंत सिंह के मुताबिक, सोनू-मोनू ने गांव के एक व्यक्ति के घर पर जबरन कब्जा कर लिया था. पीड़ित की मदद करने और सोनू-मोनू को समझाने के लिए वह वहां पहुंचे थे. लेकिन उन लोगों ने अनंत सिंह के समर्थकों पर पहले फायरिंग कर दी. अनंत सिंह ने कहा, “हमलोग वहां समझाने गए थे, लेकिन उन्होंने गोली चला दी, बदले में हमें भी गोली चलानी पड़ी.”
दूसरी ओर, सोनू-मोनू के माता-पिता का आरोप है कि अनंत सिंह उनके बेटों की हत्या करने की नीयत से आए थे. उन्होंने दावा किया कि अनंत सिंह साजिश के तहत हमला करने पहुंचे थे.जानकारी के मुताबिक, पहले अनंत सिंह और सोनू-मोनू परिवार के बीच अच्छे संबंध थे. लेकिन बाद में किसी विवाद के चलते दोनों गुट एक-दूसरे के दुश्मन बन गए.
पुलिस ने दर्ज किए चार FIR
मोकामा गोलीकांड में पुलिस ने चार अलग-अलग प्राथमिकी (FIR) दर्ज की हैं. इसमें अनंत सिंह और सोनू-मोनू गैंग दोनों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं. गदारी मांगने और धमकी देने, सरकारी काम में बाधा डालना, आर्म्स एक्ट का उल्लंघन,हत्या की नीयत से फायरिंग करना, गोली मारने का आरोप जैसे आरोप लगाए हैं.