पटना: बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) को हाईकोर्ट से तगड़ा झटका लगा है. गुरुवार देर शाम पप्पू कुमार और अन्य की याचिका पर न्यायमूर्ति एएस चंदेल की एकल पीठ ने राज्य सरकार और बीपीएससी को 30 जनवरी 2025 तक हलफनामा दायर कर स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया. इस मामले में अगली सुनवाई 31 जनवरी 2025 को निर्धारित की गई है.
हाईकोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि आयोग द्वारा ली गई परीक्षा का परिणाम इस याचिका के अंतिम निर्णय पर निर्भर करेगा. इस मामले पर सुनवाई के दौरान अदालत में सरकारी और याचिकाकर्ता वकीलों के बीच तीखी नोंकझोंक हुई है. सरकारी वकील ने आपत्ति जताते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एक अन्य केस फाइल हुआ है. ऐसे में सरकारी वकील ने दोनों की सुनवाई एक साथ करने का आग्रह किया है. वरिष्ठ अधिवक्ता वाई वी गिरी ने याचिकाकार्ता पप्पू कुमार और अन्य की ओर हाईकोर्ट में तर्क रखा कि बीपीएससी द्वारा आयोजित परीक्षा में बड़े पैमाने पर धांधली हुई है. उन्होंने आरोप लगाया कि बीपीएससी न तो इन मामलों की जांच कर रहा है, न ही पुनः परीक्षा लेने को तैयार है.
अधिवक्ता गिरी ने बताया कि बीते 13 दिसम्बर 2024 को चार लाख उम्मीदवारों की प्रारंभिक परीक्षा 912 केंद्रों पर आयोजित की गई थी, और कई केंद्रों पर प्रश्नपत्र लीक होने का आरोप सामने आया था.
अधिवक्ता गिरी ने हाईकोर्ट में यह भी बताया कि 4 जनवरी 2025 को पटना के बापू सभागार केंद्र पर पुनः परीक्षा आयोजित की गई, जिसमें सभी उम्मीदवारों को 6 अंक देने का निर्णय लिया गया. इस परीक्षा में तीन प्रश्न गलत थे, जबकि दो प्रश्न पिछली परीक्षा से थे और एक प्रश्न गलत था. गिरी ने यह भी कहा कि 4 जनवरी को आयोजित परीक्षा के उम्मीदवारों को 6 अंकों का लाभ मिलेगा, जबकि अन्य उम्मीदवार इस लाभ से वंचित रहेंगे, जो न्यायसंगत नहीं है.
उल्लेखनीय है कि मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति के विनोद चन्द्रन के विदाई समारोह के कारण बुधवार को केसों पर सुनवाई नहीं हो सकी थी. यह केस न्यायमूर्ति अरविंद सिंह चंदेल के एकलपीठ के समक्ष पांचवे नंबर पर सूचीबद्ध था। लेकिन, साढ़े ग्यारह बजे से विदाई समारोह के लिए समय तय होने के कारण सुनवाई नहीं हुई.
हिन्दुस्थान समाचार