नई दिल्ली: भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) ने गुरुवार को चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए भारत के आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 6.4 प्रतिशत कर दिया है। इससे पहले उद्योग मंडल ने भारतीय अर्थव्यवस्था के सात प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान जताया था।
फिक्की की ओर से जारी आर्थिक परिदृश्य सर्वेक्षण के ताजा अनुमान के अनुसार संशोधित अनुमान व्यापक अपेक्षाओं के अनुरूप है। फिक्की के आर्थिक परिदृश्य सर्वेक्षण के नवीनतम दौर में चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 6.4 प्रतिशत की वार्षिक औसत जीडीपी ग्रोथ का अनुमान लगाया है। वर्तमान सर्वेक्षण में पूर्वानुमान पिछले वर्ष सितंबर के महीने में आयोजित पिछले दौर में 2024-25 के लिए लगाए गए 7.0 प्रतिशत अनुमान से कम है।
उद्योग मंडल ने कृषि क्षेत्र, संबद्ध गतिविधियों सहित वित्त वर्ष 2024-25 के लिए जारी अनुमान में 3.6 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद जताई है। दूसरी ओर उद्योग और सेवा क्षेत्रों में वित्त वर्ष 2024-25 में क्रमशः 6.3 प्रतिशत और 7.3 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान जताया है। सार्वजनिक पूंजीगत व्यय में सुधार, त्योहारी मांग और मानसून के बाद औद्योगिक गतिविधि के सामान्य होने से चालू वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी छमाही में आर्थिक गतिविधियों में तेजी आने की उम्मीद है।
अर्थशास्त्रियों को उम्मीद है कि एक फरवरी, 2025 को पेश होने वाला 2025-26 का केंद्रीय बजट वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं और धीमी होती घरेलू वृद्धि के बीच आ रहा है। इसे देखते हुए आगामी केंद्रीय बजट में सरकार की नीति को आकार दे सकती हैं। दरअसल, फिक्की का ताजा अनुमान वित्त वर्ष 2023-24 में दर्ज वृद्धि दर की तुलना में काफी कम है।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए जीडीपी के अपने पहले अग्रिम अनुमान में वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 6.4 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद जताई है, जो आरबीआई के 6.6 के अनुमान से कम है। वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की जीडीपी की वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत रही थी।
हिन्दुस्थान समाचार