भाजपा-जदयू सहित अन्य दलों की ओर से संयुक्त रूप से ललन प्रसाद को उपचुनाव में उम्मीदवार बनाये जाने की घोषणा की गई। ललन प्रसाद को उम्मीदवार बनाकर मुख्यमंत्री नीतीश ने एक साथ कई संदेश देने की कोशिश की है। ललन प्रसाद धानुक जाति से आते हैं। इस जाति को बिहार में अतिपिछड़ा वर्ग में रखा गया है। ललन प्रसाद को नीतीश के करीबी नेता के रूप में जाना जाता है।
शेखपुरा जिले से तालुक रखने वाले 52 वर्षीय ललन प्रसाद 2001 से 2005 तक घाट कुसुंबा प्रखंड के जदयू अध्यक्ष रहे । वहीं वर्ष 2009 से 2013 तक शेखपुरा में जदयू के जिला उपाध्यक्ष भी रहे। शेखपुरा में जदयू को मजबूत करने के लिए वे जदयू के शुरुआती दौर से ही सक्रिय रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि राजद एमएलसी सुनील कुमार सिंह पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने और मिमिक्री करने आरोप लगा था। इसे लेकर विधान परिषद की आचार समिति ने बड़ा फैसला लिया था। जुलाई 2024 में सभापति को आचार समिति अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी। इसमें एमएलसी पर लगाए गए आरोपों को सही करार दिया गया और अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा कर उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई थी।
विधानसभा कोटे की सीट होने के कारण संख्याबल के गणित से राजग के खाते में यह सीट जाना तय है। राजग के पास निर्दलीय लेकर 131 विधायक (मत) हैं। वहीं, आइएनडीआइए (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस) के पास 111 विधायक हैं। एआइएमआइएम (आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन) का एक विधायक है।
हिन्दुस्थान समाचार