पटना: बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन (बीपीएससी) की 70 वीं पीटी परीक्षा को रद्द कराने को लेकर बीते दो सप्ताह से आंदोलनरत अभ्यार्थियों के पक्ष में आज वामदल-कांग्रेस ने राजभवन मार्च किया। लेकिन सतमूर्ति (विधानसभा के पास) गोलचक्कर से आगे बढ़ते ही पुलिस ने उन्हें रोक दिया। उनके प्रतिनिधिमंडल से राज्यपाल ने की मुलाकात।
मंगलवार की दोपहर अभ्यर्थियों के समर्थन में महागठबंधन के नेता फिर सड़क पर उतरे। पटना में राजभवन मार्च के लिए भाकपा (माले) और कांग्रेस के कार्यकर्ता विधानसभा के पास जुटे। इसके बाद वे नीतीश सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए राजभवन की ओर बढ़ रहे थे, तभी पटना पुलिस ने चुनाव आयोग के पास मार्च को रोक दिया। इसके बाद महागठबंधन के विधायकों ने विरोध प्रदर्शन किया। देखते ही देखते विधायकों और पुलिस के बीच झड़प हो गई।
दूसरी ओर महागठबंधन के विधायक आगे नहीं जाने देने के बाद वहीं सड़क पर बैठ गए हैं और नारेबाजी करने लगे। हालांकि थोड़ी देर बाद ही विधायकों के एक प्रतिनिधि मंडल को प्रशासन की टीम राजभवन लेकर गई, जहां विधायक अपनी मांगों को लेकर राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा।
राजद का एक भी विधायक मार्च में नहीं हुआ शामिल
बिहार में महागठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी राजद का एक भी विधायक मार्च में शामिल नहीं हुआ, जबकि उनको वामदल ने आमंत्रित किया था और सहयोग मांगा था। राजद के विधायक क्यों नहीं आ पाए। राजद की इस दूरी को लेकर कई तरह कई राजनीतिक चर्चाएं भी तेज हों गईं हैं। सीपीआईएमएल विधायक दल के नेता महबूब आलम, कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान ने मीडिया से बातचीत में कहा कि राजद विधायकों को बुलाया गया था. अब क्यों नहीं आए इसका जवाब उन्हीं से लीजिए।
हिन्दुस्थान समाचार