गोपालगंज: भारत पाकिस्तान सीमा के जम्मू कश्मीर राज्य के राजौरी में ड्यूटी पर तैनात सेना के जवान गोपालगंज निवासी एक आतंकी हमलें में शहीद हो गए। इसकी सूचना मिलते ही जवान के पैतृक घर पर सांत्वना देने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। घटना सोमवार की अहले सुबह की बताई जाती है। भारत पाक सीमा पर तैनात भोरे का लाल आतंकवादी हमले में शहीद हो गया। दोपहर से ही शहीद के परिजनों को सांत्वना देने वालों का तांता लगा रहा। वही स्वजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। घटना की सूचना संबंधित यूनिट द्वारा सोमवार की दोपहर शहीद के स्वजनों को दी गई।
बताया जाता है कि भोरे थाना क्षेत्र के तिवारी चकवा गांव निवासी मार्कंडेय तिवारी के पुत्र मनीष कुमार तिवारी डिफेंस आर्मी कोर यूनिट में हवलदार के पद पर जम्मू कश्मीर के राजौरी में भारत पाक सीमा पर तैनात थे। सोमवार की अहले सुबह जब वह अपने निर्धारित पोस्ट से ड्यूटी कर यूनिट की तरफ लौट रहे थे, तभी घात लगाए आतंकवादियों ने हमला कर दिया, जिसमें मनीष कुमार तिवारी की मौत हो गई। मौत की सूचना एयर डिफेंस यूनिट के जेए द्वारा मनीष कुमार तिवारी के पिता मार्कंडेय तिवारी को सोमवार की दोपहर फोन कर दी गई। एयर डिफेंस यूनिट के अधिकारियों ने शहीद मनीष तिवारी के पिता मार्कण्डेय तिवारी से नजदीकी एयर बेस की जानकारी भी प्राप्त की ताकि पार्थिव शरीर को पूरे सैनिक सम्मान के साथ घर तक पहुंचाया जा सके।
स्वजनों से मिली जानकारी के अनुसार पार्थिव शरीर मंगलवार देर शाम तक आने की संभावना जताई जा रही है। उधर घटना की सूचना के बाद इलाके के लोग संवेदना व्यक्त करने के लिए शहीद के स्वजनों से निरंतर मिलकर सांत्वना देते रहे। घटना की सूचना के बाद परिवार की महिलाएं रो-रो कर बेसुध हैं। सूचना मिलने पर भोरे प्रखंड प्रमुख राजेश राम, बीडीओ दिनेश कुमार स्थानीय जनप्रतिनिधियो ने शहीद के स्वजनों से मिलकर सांत्वना दी।मनीष कुमार तिवारी बीते करीब 13 वर्ष पूर्व सेना के एयर डिफेंस यूनिट में तैनात हुए थे। अपनी तैनाती के दरम्यान वे देश के भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में देश सेवा में लगे रहे। अभी 5 माह पूर्व ही उनके एयर डिफेंस कोर की यूनिट को ग्वालियर से स्थानांतरित होकर जम्मू कश्मीर के राजौरी में तैनात किया गया था। मनीष कुमार तिवारी के पिता मार्कण्डेय तिवारी भी सेना में अपनी सेवाएं दे चुके है।सेवा के दौरान वे भी एयर डिफेंस यूनिट में ही तैनात थे, जो फिलहाल सेवानिवृत्ति के बाद अपने गांव तिवारी चफवा में रह कर खेती बारी का काम देखते हैं।
हिन्दुस्थान समाचार