अहमदाबाद: गुजरात में सर्दी बढ़ने के साथ ही स्वाइन फ्लू के केस में वृद्धि आईं है. पिछले दो महीने से राज्य में स्वाइन फ्लू का कहर जारी है. इसमें मौत का आंकड़ा भी लगातार बढ़ रहा है. राज्य में पिछले दो माह में 22 लोगों की मौत स्वाइन फ्लू से होने की जानकारी मिली है. वहीं मौत का यह आंकड़ा स्वाइन फ्लू के मामले में देश में दूसरे नंबर पर है.
राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार गुजरात में स्वाइन फ्लू के पिछले दाे महीने में 386 मामले दर्ज किए गए हैं. इनमें 22 लोगों की मौत हो चुकी हैं. इस साल अक्टूबर तक स्वाइन फ्लू के 1682 मामले दर्ज किए गए थे, वहीं इनमें 55 लोगों की मौत हुई थीं.
राजकोट से मिले आंकड़ों के अनुसार सर्दी बढ़ने के साथ ही यहां मौसमी बीमारियों का जोर बढ़ा है. शहर में पिछले 8 दिनों में सर्दी, खांसी, श्वास लेने में तकलीफ संबंधी 2500 केस दर्ज हुए हैं. इसके अलावा डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के 11 केस मिले हैं. शहर में मच्छरों के प्रकाेप के कारण बीमारी फैल रही हैं. इसके अलावा सूरत में भी कमोबेश यही हाल है.
सूरत महानगर पालिका के स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार शहर में बुखार, डेंगू से चार लोगों की मौत हुई हैं. इसमें डेंगू से एक बालक की मौत भी शामिल है. स्वाइन फ्लू के संबंध में विशेषज्ञ डॉक्टरों का कहना है कि स्वाइन फ्लू मरीज के दूसरे व्यक्ति के सम्पर्क में आने से फैलता है. पीड़ित व्यक्ति के हाथ का स्पर्श करने, छींकने-खांसने आदि के जरिए यह बीमारी दूसरे व्यक्ति तक पहुंचती है.
विश्व भर में चिंता का कारण
स्वाइन फ्लू पिछले सात वर्षों में दुनिया भर में सबसे प्रमुख मौसमी फ्लू रहा है. अब दुनिया भर में (भारत सहित) स्वाइन फ्लू के अधिक से अधिक मामले सामने आ रहे हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इस बीमारी को महामारी घोषित कर दिया है, जिससे इसे लेकर सतर्कता की अब अधिकतम जरूरत है. स्वाइन फ्लू या एच-1 एन-1 फ्लू वास्तव में एक श्वसन संबंधी विकार है और यह एक प्रकार के इन्फ्लूएंजा- एक वायरस के कारण होता है जो सूअरों में उत्पन्न होता है। इसकी शुरुआत मेक्सिको के वेराक्रूज राज्य में हुई और जल्द ही यह दुनिया भर में फैल गया. आमतौर पर सर्दियों की शुरुआत के साथ स्वाइन फ्लू के मामले बढ़ जाते हैं. आम मौसमी फ्लू की तरह सावधानी बरतने के अलावा, स्वाइन फ्लू को आमतौर पर हर साल टीका लगवाकर रोका जा सकता है.
हिन्दुस्थान समाचार