राजस्थान के दौसा जिले के कालीखाड़ गांव में बोरवेल में गिरे पांच वर्षीय आर्यन की मौत हो गई. बुधवार रात करीब 11:45 बजे रेस्क्यू टीम ने 57 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद उसे बोरवेल से बाहर निकाला. बेहोशी की हालत में निकाले गए आर्यन को एडवांस लाइफ सपोर्ट सिस्टम से लैस एम्बुलेंस में दौसा जिला अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
आर्यन को बचाने के लिए प्रशासन और एनडीआरएफ की टीमों ने कई प्रयास किए. शुरुआती दो दिन में छह देसी तकनीकें विफल रहीं. इसके बाद बुधवार सुबह से पाइलिंग मशीन की मदद से समानांतर गड्ढा खोदा गया लेकिन मशीन खराब हो गई, जिससे ऑपरेशन में देरी हुई. रेस्क्यू टीम ने रॉड, रस्सी, अम्ब्रेला और रिंग उपकरण का उपयोग करके आर्यन को बाहर निकाला. हालांकि, प्रशासन बच्चे तक खाना और पानी पहुंचाने में नाकाम रहा.
आर्यन की मां गुड्डी देवी ने प्रशासन पर लापरवाही के आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि प्रशासन समय रहते बच्चे तक मदद पहुंचाने में विफल रहा. ग्रामीणों ने खुले बोरवेल की समस्या पर कार्रवाई की मांग की है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को टाला जा सके.
उल्लेखनीय है कि सोमवार दोपहर तीन बजे आर्यन घर से 100 फीट दूर खुले बोरवेल में गिर गया था. वह मां के साथ खेल रहा था लेकिन अचानक बोरवेल में जा गिरा. परिवार का कहना है कि बोरवेल तीन साल पहले खुदवाया गया था लेकिन मोटर फंसने के कारण इसे बंद नहीं किया गया.
दौसा जिला अस्पताल के डॉक्टर दीपक शर्मा के अनुसार, अस्पताल पहुंचने पर आर्यन की ईसीजी और अन्य जांच की गईं लेकिन उसकी सांसें पहले ही थम चुकी थीं. डॉक्टरों ने रात करीब 12 बजे उसे मृत घोषित कर दिया.
हिन्दुस्थान समाचार