नई दिल्ली: विपक्षी आईएनडीआई गठबंधन राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आया है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इसकी जानकारी दी और कहा कि यह प्रस्ताव अभी राज्यसभा के महासचिव को सौंपा गया है।
कांग्रेस नेता महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि आईएनडीआई गठबंधन की सभी पार्टियों के पास इसके अलावा कोई विकल्प मौजूद नहीं था। हम औपचारिक तौर पर राज्यसभा के सभापति के खिलाफ अत्यधिक पक्षपातपूर्ण तरीके से उच्च सदन को संचालित करने के चलते यह प्रस्ताव लाये हैं। गठबंधन के लिए यह एक बहुत ही कष्टकारी निर्णय रहा। हालांकि संसदीय लोकतंत्र के हित में हमें इस कदम को उठाना पड़ा।
राज्यसभा के सभापति के खिलाफ संविधान के अनुच्छेद 67(बी) के अनुसार अविश्वास प्रस्ताव लाया जाता है। इसके तहत सभापति को राज्यसभा के सभी तत्कालीन सदस्यों के बहुमत से पारित प्रस्ताव और लोकसभा की सहमति से हटाया जा सकता है। मगर 14 दिन पहले नोटिस देना जरूरी है। बता दें कि इससे पहले अगस्त महीने में भी कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की योजना बनाई थी। मगर बाद में किसी कारणवश इसे टाल दिया गया था।
पारित होना असंभव, यह है सदन का गणित
विपक्ष ने संविधान के अनुच्छेद 67 (बी) के तहत अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया है। नोटिस देने के लिए कम से कम 50 सांसदों के हस्ताक्षर की आवश्यकता होती है। विपक्षी दलों को 60 सांसदों का साथ मिल चुका है। इससे पहले कांग्रेस ने मानसून सत्र के दौरान भी राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी की थी। मगर बाद में टाल दिया था। सदन के गणित के मुताबिक सत्तापक्ष के पास बहुमत है। इस लिहाज से इसका पारित होना असंभव लग रहा है।
हिन्दुस्थान समाचार