नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को नई दिल्ली के भारत मंडपम में अष्टलक्ष्मी महोत्सव का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने अष्टलक्ष्मी महोत्सव को समर्पित डाक टिकट का भी विमोचन किया। पहली बार मनाया जा रहा तीन दिवसीय सांस्कृतिक उत्सव 8 दिसंबर तक चलेगा।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन की शुरुआत संविधान निर्माता डॉ. भीमराम अंबेडकर को उनके महापरिनिर्वाण दिवस पर श्रद्धांजलि अर्पित कर की। उन्होंने कहा कि बाबा साहब का बनाया संविधान और संविधान के 75 वर्ष के अनुभव देशवासियों के लिए प्रेरणा हैं।
भारत मंडपम के महत्व को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले दो वर्षों में यह स्थान जी-20 के सफल आयोजन सहित अनेक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों का साक्षी बना है। उन्होंने कहा कि आज दिल्ली पूर्वोत्तरमय हो गई है। पूर्वोत्तर के विविधता भरे रंग आज राजधानी में सुंदर इंद्रधनुष बना रहे हैं। यह तीन दिवसीय महोत्सव पूरे देश और विश्व को पूर्वोत्तर का सामर्थ्य दिखाएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह महोत्सव पूर्वोत्तर के किसानों, कारगीरों, शिल्पकारों के साथ-साथ दुनिया के निवेशकों के लिए भी बेहतर अवसर है। ये पहला और अनोखा आयोजन है, जब इतने बड़े स्तर पर नॉर्थ-ईस्ट में निवेश के द्वार खुल रहे हैं। ये नॉर्थ-ईस्ट के किसानों, कारीगरों व शिल्पकारों के साथ-साथ दुनियाभर के निवेशकों के लिए भी बेहतरीन अवसर है। उन्होंने अष्टलक्ष्मी महोत्सव के आयोजकों को नॉर्थ-ईस्ट के सभी राज्यों के निवासियों और यहां आए सभी अतिथियों को बधाई दी।
कार्यक्रम में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री डॉ. माणिक साहा, मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा, सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग, अरुणाचल प्रदेश के उपमुख्यमंत्री चौना मीन, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और सुकांत मजूमदार आदि उपस्थित थे।