मेलबर्न: भारतीय लोकगायिका मैथिली ठाकुर के सुरों ने मेलबर्न के फेडरेशन स्क्वेयर में मौजूद हजारों लोगों को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया. ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया प्रांत की राजधानी मेलबर्न के लोग मैथिली ठाकुर की बीते कल की प्रस्तुति को कभी नहीं भूल पाएंगे. करीब 50 लाख लोगों की आबादी वाले इस महानगर का फेडरेशन स्क्वेयर स्त्री, पुरुषों और बच्चों से खचाखच भरा रहा. ऑस्ट्रेलियन ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन ने भारतीय लोकगायिका मैथिली ठाकुर के इस कार्यक्रम को शानदार कवरेज दिया है. मैथिली ने एक्स हैंडल पर इसके लिए कॉरपोरेशन का आभार जताया है. पोर्ट फिलिप खाड़ी के उत्तरी और पूर्वी तटरेखाओं पर बसे मेलबर्न में मिले समर्थन से मैथिली खुश हैं.
उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में पहली बार प्रस्तुति दी है. ऑस्ट्रेलियन ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन ने अपनी सांस्कृतिक रपट में लिखा है, ”मैथिली ठाकुर में भारतीय लोक संगीत को वैश्विक स्तर पर ले जाने वाली बहुभाषी प्रतिभा है. आधुनिकता की ओर भागती दुनिया में मैथिली ठाकुर में अपनी जड़ों की शक्ति और सुंदरता की सौम्यता है. महज 24 साल की उम्र में इस गायिका ने लोक, शास्त्रीय और भक्ति धुनों के मिश्रण से वैश्विक संगीत में एक अद्वितीय स्थान बनाया है. उनकी यात्रा उतनी ही समृद्ध है जितनी कि वे जिन परंपराओं का प्रतिनिधित्व करती हैं. उनकी आवाज सिर्फ नोट्स नहीं, बल्कि सदियों की संस्कृति को दर्शाती है.
”मैथिली ने कहा, ”मेरा नाम अपनी विरासत से जुड़ाव के नाम से शुरू होता है. वह बिहार के मिथिला क्षेत्र से गहराई से जुड़ा हुआ है. मिथिला वह जगह है जहां देवी सीता का जन्म हुआ. मेरा नाम मैथिली उन्हीं (देवी सीता) से आया है.” उन्होंने कहा, ”मेरे संगीत शिक्षक पिता ने सात साल की उम्र में मेरा परिचय हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत से कराया. संगीत की इस यात्रा में पिता ने हर कदम पर साथ दिया.” मैथिली ने कहा कि उनके दोनों भाई ऋसव और अयाची लगभग हर प्रस्तुति में साथ होते हैं. वह हारमोनियम बजाती हैं. छोटा भाई तबला बजाता है और उससे छोटा अयाची वाद्ययंत्र बजाता है. वह 12 से अधिक भारतीय भाषाओं में लोकगीत गाती हैं. मैथिली मानती हैं कि उनकी इस यात्रा में सोशल मीडिया की भी प्रमुख भूमिका है. ऑस्ट्रेलिया की इस प्रसारण सेवा का मानना है कि भारत की सांस्कृतिक राजदूत मैथिली ठाकुर की प्रस्तुति ने मेलबर्न की जीवंतता प्रभावित किया.
हिन्दुस्थान समाचार