पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को गांधी मैदान में आयोजित चार दिवसीय राज्यस्तरीय कृषि यांत्रिकरण मेले का (एग्रो बिहार-2024) का उद्घाटन किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार किसानों को कृषि कार्य में सहूलियत देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठा रही है. प्रदर्शनी में लगाए गए कृषि यंत्रों और कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं और क्रियाकलापों के बारे में जो जानकारी दी गई है, उसको सभी लोग देखें और समझें.
मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि नवम्बर, 2005 में सरकार में आने के बाद से कृषि क्षेत्र के विकास एवं किसानों के हित के लिए कई कदम उठाए गए हैं, जिसका लाभ किसानों को मिल रहा है. किसानों के हित के लिए हमलोग लगातार काम कर रहे हैं. हमलोगों के सरकार में आने के पहले किसानों एवं कृषि क्षेत्र के विकास के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए. हमलोगों ने राज्य में कृषि रोड मैप बनाया और कृषि विकास कार्यक्रम चलाये गये, जिससे फसलों, फलों एवं सब्जियों के उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि हुई.
इससे पहले उद्घाटन के पश्चात मुख्यमंत्री ने कृषि यांत्रिकरण प्रदर्शनी एवं मेले का निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान प्रदर्शनी में लगाए गए विभिन्न स्टॉलों का निरीक्षण किया. इस दौरान विभिन्न राज्यों से आए कृषि यंत्र निर्माता कंपनी के प्रतिनिधियों ने यंत्र के उपयोग एवं इससे मिलने वाली सुविधाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी. प्रदर्शनी में लगाए गए नवीनतम कृषि यंत्र, फसल अवशेष प्रबंधन यंत्र, बागवानी से संबंधित कृषि यंत्र, विभिन्न नर्सरी, आधुनिकतम फसल के बीजों, कृषि विभाग की योजनाओं, क्रियाकलापों आदि के बारे में मुख्यमंत्री ने विस्तृत जानकारी ली.
कृषि विभाग के जरिए 29 नवम्बर से दो दिसम्बर के बीच चार दिवसीय कृषि यांत्रिकरण प्रदर्शनी एवं मेले का आयोजन किया जा रहा है. यह मेला पूर्वी भारत का सबसे बड़ा यांत्रिकरण मेला है. वर्ष 2011 से हर वर्ष कृषि यांत्रिकरण मेले का आयोजन किया जा रहा है. इस राज्य-स्तरीय कृषि यांत्रिकरण प्रदर्शनी एवं मेले में 125 से अधिक स्टॉल लगाये गये हैं. इस प्रदर्शनी में बिहार के अलावा दिल्ली, हरियाणा, गुजरात, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, राजस्थान, पंजाब, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, आन्ध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल आदि राज्यों के कृषि यंत्र निर्माता भाग ले रहे हैं.
कृषि यांत्रिकरण योजना बिहार के सभी जिलों में लागू है, जिसके अन्तर्गत खेत की जुताई, बुआई, निकाई, गुराई, सिंचाई, फसल की कटाई, इत्यादि कार्यों के लिए 110 प्रकार के कृषि यंत्रों पर अनुदान दिया जा रहा है. फसल अवशेष प्रबंधन से संबंधित यंत्रों को बढ़ावा देने के लिए उन पर 80 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है. सरकार द्वारा जीविका समूह एवं प्रगतिशील किसान समूह को कृषि यंत्र उपलब्ध कराने के लिए ‘कृषि यंत्र बैंक’ योजना चलाई गयी है, जिसके अन्तर्गत 10 लाख रूपये तक का अनुदान दिया जा रहा है.
वर्ष 2008 से ही राज्य में कृषि रोड मैप बनाकर कृषि विकास कार्यक्रम चलाये गये, जिससे फसलों, फलों एवं सब्जियों के उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि हुई. वर्तमान में चौथे कृषि रोड मैप (2023 से 2028) का क्रियान्वयन शुरू हो चुका है, जिसमें कृषि प्रक्षेत्र के समग्र विकास हेतु लगभग 1 लाख 62 हजार करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गयी है.
इस अवसर पर कृषि मंत्री मंगल पांडे, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा, विकास आयुक्त प्रत्यय अमृत, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ, कृषि विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल सहित कृषि विभाग के अन्य वरीय अधिकारीगण, कृषि वैज्ञानिक-विशेषज्ञ, कृषि व्यवसाय से जुड़े उद्यमी एवं विभिन्न कृषि यंत्र निर्माता कंपनियों के प्रतिनिधिगण उपस्थित थे.
हिन्दुस्थान समाचार