पटना: बिहार राज्य खेल प्राधिकरण और खेल विभाग द्वारा आयोजित ‘ग्रासरूट्स टू ग्लोरी- बिहार स्पोर्टिंग जर्नी ‘ विषय पर परिचर्चा की आज केंद्रीय श्रम एवं रोजगार तथा युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने अध्यक्षता की. इस मौके पर अपने संबोधन में मांडविया ने उपस्थित लोगों का अभिनंदन करते हुए कहा कि वे दो दिन से बिहार में हैं और खेल के क्षेत्र में बिहार के विकास को देख कर उन्हें बहुत खुशी है. बिहार में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है. बस उन्हें समुचित प्रशिक्षण के साथ सही मार्गदर्शन मिलने पर बिहार के खिलाड़ी सफलता के किसी मुकाम को हासिल करने में सक्षम हैं.
मनसुख मांडविया ने कहा कि खेल में या किसी क्षेत्र में सफलता के लिए लक्ष्य तय करना पड़ता है. फिर उस लक्ष्य पर एकाग्रचित के होकर समुचित प्रशिक्षण और मेहनत के साथ आगे बढ़ना पड़ता है तभी सफलता हासिल होती है. प्रधानमंत्री मोदी जी ने 2047 तक देश को विकसित देश में शामिल करने का लक्ष्य रखा है और उसी दिशा में तेजी से काम भी हो रहा है. देश का असल विकास तभी सम्भव है जब सभी क्षेत्र में समान रूप से सर्वांगीण विकास हो. खेल के क्षेत्र में विकास देश के विकास को प्रतिबिम्बित करता है, इसलिए खेल के विकास के लिए देश में नयी खेल नीति बनाई जा रही है. जिसके लिए सभी संबंद्ध प्रबुद्धजनों से विचार भी आमंत्रित किए गए हैं. जब तक बुनियादी स्तर पर खेल का विकास नहीं होगा खेल और खिलाड़ियों का संपूर्ण विकास और बेहतर प्रदर्शन नहीं हो सकता.
मांडविया ने कहा कि देश में खेलो इंडिया कार्यक्रम के माध्यम से स्कूल स्तर की प्रतिभा का चयन किया जाता है जिन्हें प्रशिक्षित कर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं के लिए तैयार किया जाता है. हमारा लक्ष्य है कि 2036 तक भारत खेल के क्षेत्र में भी दुनिया के 1 से 10 देशों के अंदर रहे और 2047 तक दुनिया में 1 से 5 देशों के अंदर स्थान प्राप्त करें और इसी को ध्यान में रख कर केन्द्र और राज्यों की खेल नीति बनाई जा रही है. खेल और खिलाड़ियों के सर्वांगीण विकास के लिए राज्य सरकार, केंद्र सरकार, खेल संघों, खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों का एक साथ मिलकर कर बिना विवाद के काम और सहयोग करना जरूरी है. कॉर्पोरेट सेक्टर और पब्लिक सेक्टर के प्रतिष्ठानों को भी आगे आकर खेल और खिलाड़ियों के विकास के लिए समान रूप से काम करना जरूरी है.
उन्होंने कहा कि जितना अच्छे खिलाड़ी की आवश्यकता होती है प्रतिस्पर्धा जीतने के लिए उतनी ही जरूरत अच्छे प्रशिक्षकों की भी है तभी अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी तैयार हो पाएंगे। इसके लिए जरूरी है प्रशिक्षकों के स्तर को भी सुधारना और इसके लिए प्रशिक्षण के लिए उन्हें विदेशों में भी भेजने की व्यवस्था सरकार द्वारा की जाती है और जरूरत पड़ने पर विदेशों से प्रतिष्ठित प्रशिक्षकों को देश में बुला कर भी खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाता है. जब कोई खिलाड़ी देश या राज्य के पदक जीतता है तो सिर्फ खिलाड़ी नहीं जीतता बल्कि उसके साथ राज्य और देश जीतता है.
कार्यक्रम के प्रारंभ में बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक सह मुख्य कार्यकारी अधिकारी रवीन्द्रण शंकरण ने सभी उपस्थिति लोगों का अभिनंदन करते हुए बिहार में खेल के क्षेत्र में हो रहे विकास और भावी योजनाओं पर विस्तार से प्रकाश डाला.
उल्लेखनीय है कि केन्द्रीय मंत्री मनसुख मांडविया ने कल 20 नवंबर को संपन्न हुए बिहार विमेंस एशियन ट्रॉफी 2024 के फाइनल मैच के मुख्य अतिथि के रूप में विजेता टीमों को ट्रॉफी और मेडल भी वितरित किया और खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाया. आज सुबह 7 बजे मरीन ड्राइव,पटना में बिहार के युवा प्रतिभावान साइक्लिंग के खिलाड़ियों के साथ साइक्लिंग कर मंत्री जी ने खिलाड़ियों को प्रोत्साहित किया. बापू टावर में आयोजित परिचर्चा में खेल विभाग के प्रधान सचिव डॉ.बी.राजेंदर ने मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया को स्मृति चिन्ह और अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया. समारोह में केन्द्रीय मंत्री मनसुख मांडविया , बिहार के भवन निर्माण मंत्री जयंत राज,खेल विभाग के प्रधान सचिव बी राजेंदर, खेल विभाग केंद्र सरकार के संयुक्त सचिव कुणाल, खेल विभाग बिहार के निदेशक महेन्द्र कुमार के अलावा प्रशिक्षक, खेल संघों के प्रतिनिधि, खिलाड़ी और अन्य गणमान्य लोग भी उपस्थित रहे.
हिन्दुस्थान समाचार