पूर्वी चंपारण: जिले में साइलेंट मोड में चंगाई सभा और प्रार्थना के नाम पर बड़े पैमाने पर धर्मांतरण का खेल चल रहा है. इसकी जानकारी देते विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के बिहार-झारखंड के विधि प्रमुख अधिवक्ता अशोक श्रीवास्तव ने बताया कि जिले में यह खेल गुपचुप तरीके से वर्षों से अनवरत जारी है.
जिले के पकड़ीदयाल के सिरहां,मोतिहारी सदर के पतौरा,बासमनपुर बरियारपुर व आदापुर प्रखंड में यह खेल चल रहा है. जहां भोली भाली वंचित समाज के लोगों को गुमराह कर धर्म परिवर्त्तन कराया जा रहा है. इन लोगो को पैसे,नौकरी व घर में गंभीर रूप से बीमार लोगो को इलाज में सहायता करने का लालच दिया जा रहा है.
उन्होंने बताया कि गुरुवार को विहिप की एक टीम इन सभी इलाकों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेगी. जिसमे पूर्वी चंपारण जिले के पकड़ीदायाल अनुमंडल के उस सिरहां पंचायत में भी जायेगी. जहां इन धर्म परिवर्तन कराने वाले लोगो ने बकायदा चर्च की स्थापना कर भोली भाली जनता को गुमराह कर रहे है.
उल्लेखनीय है, जिले के पकडीदयाल अनुमंडल के सिरहा पंचायत में धर्मांतरण की पाठशाला बन गया है. पड़ताल यह सामने आया है, कि यहां चुपके चुपके बैठकों का आयोजन कराया जा रहा है. जिसमे मधुबन, चैता, कटास, मझार, बहुआरा, राजेपुर, तेतरिया सहित आसपास के दर्जनों गांव के दलित और कमजोर वर्ग के लोगों को तरह-तरह के लालच और प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है.
स्थानीय लोगों ने बताया कि यहां हर रविवार को विशेष प्रार्थना का आयोजन किया जाता है, जहां बड़ी संख्या में प्रार्थना के नाम पर महिलाओं व बच्चों को टेंपो में बैठाकर चर्च लाया जा रहा है. सिरहां के लोगो ने बताया कि पहले ऐसा नहीं होता था, लेकिन गत कुछ दिनों से यह गतिविधियां काफी बढ़ी है. बताया गया कि ईसाई मिशनरी केवल गरीब दलित शोषित समाज के लोगों को टारगेट कर रहा है.
मिशनरी की पाठशाला बनी सिरहां के लोगो ने बताया कि गांव के ही उपेंद्र यादव जो पेशे से डॉक्टर थे, उन्होंने सबसे पहले ईसाई धर्म ग्रहण किया और अपने घर के बगल में ही दो कट्ठा जमीन चर्च के नाम रजिस्ट्री कर दिया. जिसमें चर्च बनकर तैयार हो गया. उसके बाद उन्होंने अपने बेटे आनंद और विजय को भी इसमें शामिल कराया. तबसे अब तक सिरहा पंचायत के तकरीबन 20 से 25 लोग ईसाई धर्म ग्रहण कर चुके है. जो लगातार बढ़ता ही जा रहा है.
हिन्दुस्थान समाचार