अयोध्या: राम की नगरी में अपनी तरह से पूरी तरह भिन्न महायज्ञ होने जा रहा है. एक तो यह डेढ़ महीने (18 नवम्बर से 01 जनवरी) तक चलेगा. यज्ञ में राम यन्त्रम का सान्निध्य रहेगा उसका जुड़ाव राजा दशरथ के समय का है. इसमें पूरे देश से एकत्रित 1200 वैदिक ऋत्विक इसे सम्पूर्ण विधि विधान से सम्पन्न कराएंगे. श्रीराम यन्त्रम को लेकर सज्जित रथ आज अयोध्या पहुंच रहा है. यह गुप्तारघाट और जहां पुत्रेष्टि यज्ञ हुआ था उस मखभूमि (वर्तमान नाम-मखौड़ा) तक जाएगा. प्रभु श्रीराम की कुल देवी बड़ी देवकाली (मान्यतानुसार मां कामाक्षी का अवतार) के मन्दिर पर देर शाम श्रीराम यन्त्रम रथयात्रा पहुंच गई.
कारसेवक पुरम में सोमवार 18 नवम्बर से प्रारम्भ हो रहे इस महायज्ञ के मुख्य समन्वयक डी.एस.एन. मूर्ति ने बताया कि वैदिक ग्रन्थों के अनुसार ऋषि दुर्वासा ने दक्षिण में श्रीराम यन्त्रम की स्थापना की थी. पुत्र न होने से चिन्तित राजा दशरथ विद्वत्जनों के सुझाने पर कांची में श्रीराम यन्त्रम की पूजा करने गए थे. इसके बाद ही उन्होंने पुत्रेष्टि यज्ञ का विधान किया था श्री मूर्ति के अनुसार मार्कण्डेय पुराण में इसका उल्लेख है. श्री मूर्ति बताते हैं की बीते अगस्त में देवी मां ने मन्दिर के मुख्य अर्चक सुरेश शास्त्री को रात में सोते समय प्रेरणा दी कि महायज्ञ करके श्री राम यन्त्रम की स्थापना अयोध्या में की जाय. तभी से इस दिशा में काम आरम्भ कर दिया गया था. डेढ़ महीने के लिए एक बड़ी जगह की आवश्यकता थी. बहुत सारे लोगों के लिए जाड़े में रहने खाने का इंतजाम करना था. सो श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चम्पत राय जी से श्री मूर्ति की चर्चा होने के बाद कारसेवक पुरम में आयोजन पर सहमति बनी थी.
श्री मूर्ति ने बताया कि उपरोक्त देवी-देवताओं के नाम पर होने वाला महायज्ञ आध्यात्मिक रूप से पूरे विश्व के लिए हितकारी है. समन्वयक के अनुसार 150 किलो भार का स्वर्णमड़ित श्रीराम यन्त्रम श्री कांचीपुरम मठ के मुख्यालय में स्थापित प्राचीन यन्त्र के आधार पर तैयार किया गया है. तिरुपति से अयोध्या तक दो हजार किलोमीटर इसे भव्य रथयात्रा के माध्यम से लाया जा रहा है. भगवान वेंकटेश्वर तिरुपति के पवित्र स्थान से कांची कामकोटि पीठ के सत्तरवें शंकराचार्य श्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती ने श्रीराम यन्त्रम रथयात्रा का शुभारंभ कराया. नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक भी यात्रा में पहुंचे. आयोजकों के अनुसार डॉ भागवत ने अयोध्या आने की भी बात कही है. रथयात्रा पांच राज्यों से होकर अयोध्या पहुंची है. कारसेवक पुरम में आयोजन सम्बन्धी सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं.
हिन्दुस्थान समाचार