अररिया: जिले के फारबिसगंज के कर्बला ईदगाह मैदान में शनिवार को सीमांचल अधिकार मंच की ओर से गुस्ताख-ए-रसूल के खिलाफ जनसभा का आयोजन मंच के अध्यक्ष शाहजहां शाद की अध्यक्षता में हुई, जिसमे हजारों की संख्या में मुस्लिम समाज के लोगों के साथ सियासत से जुड़े हिन्दू समाज के नेताओं ने भी भाग लिया. बड़ी संख्या में कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आए मुस्लिम समाज के युवा राष्ट्रीय ध्वज को थामे हुए था. सभा में राष्ट्रीय ध्वज जमकर लहराया.
आयोजित जनसभा में पैगम्बर हजरत मोहम्मद के खिलाफ गलत बयानबाजी करने वाले शख्सों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की तहत फांसी की सजा दिए जाने की मांग का स्वर उठा. शाहजहां शाद की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम का संचालन मौलाना आस मोहम्मद और मौलाना अब्दुर्रहमान कासमी ने किया.
मुख्य वक्ता के रूप में पहुंचे मुफ्ती अंसार कासमी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुऐ कहा कि हमारे नबी जनाब मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पूरी दुनिया के लिए रहमतुल लील आलमीन बनाकर भेजे गए थे. हमारे नबी ने हमेशा अमन और शांति का पैगाम दिया.
उन्होंने सरकार से मांग की कि ऐसे लोगों पर सरकार सख्त कार्यवाही करें, जो अनर्गल बयानबाजी कर सांप्रदायिक सौहार्द्र की मिठास को खत्म करने के साथ ही धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का काम करते हैं. मुफ़्ती अतहर क़ासमी ने कहा कि पैगम्बर मोहम्मद साहब पूरी दुनिया के लिए एक आइडियोलॉजी है. खुद में एक विचारधारा है. जिनकी विचार धारा से प्रभावित होकर आज उम्मते मुस्लिम उनके नक्शे कदम पर चलते हैं.
हिन्दुस्थान समाचार